दीपोत्सव के त्योहार में पूरे देश के साथ बिहार भी डूब गया है। रविवार को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने को लेकर पूरा शहर तैयार है। इसके साथ ही धन देवता कुबेर की भी पूजा होगी। कार्तिक अमावस्या को मनाए जाने वाली दिवाली पर इस बार मां लक्ष्मी की पूजा चित्रा नक्षत्र में होगी। लक्ष्मी पूजा के दिन श्रद्धालु मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने के साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश, धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा करेंगे। खास बात कि रविवार के दिन दिवाली होने से भगवान सूर्य की कृपा भी भक्तों पर बरसेगी। वहीं रविवार को दिवाली होने से रवि पुष्कर, रवि प्रदोष और सौभाग्यसुंदरी संयोग बन रहा है।
इस योग में अपने घर में धान या अन्न से भरे कलश को स्थापित कर पूजन करने से अन्न का भंडार घर में भरा रहेगा। उधर, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता को दिवाली की शुभकामनाएं दी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर लक्ष्मी व्यक्ति के पास निवास करती हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार आधी रात तक रहने वाली अमावस्या तिथि ही महालक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ है। मां लक्ष्मी की पूजा दिवाली के दिन अलग-अलग योग और लग्न में कर कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
लाभ योग –
सुबह – 6.36 बजे से 7.59 तक
दोपहर – 4.16 बजे से शाम 5.39 बजे तक
अमृत योग
सुबह 7.59 बजे से 9.22 बजे तक
रात्रि – 8.54 बजे से 10.31 बजे तक
शुभ योग
दोपहर 10.44 बजे से 12.07 बजे
शाम – 7.16 बजे से रात्रि 8.54 बजे
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