Breaking NewsInternational

#AMERICA; NASA का बड़ा फैसला, चंद्रमा पर भेजेगी रोबोट, सभी असंभव कार्यों को संभव करेगा ये रोबोट..

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर वॉटर आइस का पता लगाने के लिए एक मोबाइल रोबोट भेजने की योजना बना रही है। समाचार एजेंसी सिन्‍हुआ की मानें तो ऐसा पहली बार होगा जब कोई रोबोट चंद्रमा के इस अछूते क्षेत्र में वॉटर आइस के प्रमाण के लिए बेहद नजदीकी तस्‍वीरें लेगा। नासा ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह साल 2022 में गोल्फ कार्ट आकार वाला रोबोट चंद्रमा पर भेजेगी।रिपोर्ट में कहा गया है कि वोलेटाइल इंवेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर या VIPER नाम का यह रोबोट लगभग 100 दिनों का चंद्रमा की सतह पर आंकड़ों को इकट्ठा करेगा। इन आंकड़ों का उपयोग चंद्रमा के पहले वैश्विक जल संसाधन मानचित्रों को अपडेट करने में किया जाएगा।

नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह रोबोट कई मील की यात्रा करेगा और प्रकाश-तापमान से प्रभावित चंद्रमा की मिट्टी के नमूने जुटाएगा।नासा ने बताया है कि यह रोबोट चांद की मिट्टी के नमूले लेने के लिए सतह पर एक मीटर तक की ड्रिल करेगा। नासा ने इस अभियान का खुलासा ऐसे वक्‍त में किया है जब भारत के मिशन चंद्रयान-2 का हिस्‍सा रहे लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग नहीं हो पाई है। अमेरिका साल 2024 में अपना पहला अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर रवाना करेगा। इसमें वह पहली मह‍िला यात्री को चंद्रमा पर भेजेगा। इस अभियान के लिए वह चंद्रमा पर दीर्घकालिक स्थायी उपाय करने जा रहा है।बता दें कि पिछले महीने की सात तारीख को चांद पर लैंडिंग के दौरान लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। इससे इसरो के भू स्टेशन का संपर्क टूट गया था। रिपोर्टों में कहा गया था कि लैंडर विक्रम चांद की सतह पर वह आड़े तिरछे पड़ गया था। लैंडर विक्रम को चांद पर एक चंद्र दिन काम करना था। एक चंद्र दिन की अवधि धरती पर 14 दिन के बराबर होती है। इस हादसे के कई दिन बाद इसरो ने लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिशें रोक दी थी।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.