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बिहार में कालाजार पर वार / 2014 में 8028 मरीजों पर कालाजार ने किया था असर, 2021 में राज्य में अब 644 संक्रमित

2014 में जानलेवा संक्रमण के जाल से से बाहर निकले बिहार में 7 साल में बड़ी सफलता मिली है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में बड़ी राहत भरा डेटा सामने आया है। 2014 में संक्रमण ने 8028 लोगों को परेशान किया था अब मरीजों की संख्या महज 644 हो गई है। सरकार दिसंबर 2021 तक बिहार को कालाजार से मुक्त कराने के मिशन पर काम कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जागरुकता और बचाव से ही बिहार ने संक्रमण को मात देने में सफलता पाई है।बालू मक्खी पर एक्शन से कम हुआ कालाजार

7 साल में कालाजार को मात

वेक्टर बोर्न डिजीज कण्ट्रोल प्रोग्राम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार सिंह की मानें ताे 7 साल में कालाजार काे बिहार में बड़ी मात मिली है। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2014 में बिहार के 33 जिलों के 130 प्रखंड कालाजार एंडेमिक थे। वहीं, अब 2021 में राज्य में कोई भी प्रखंड एंडेमिक नहीं रह गया है। प्रयास किया जा रहा है कि कि बिहार में भी मामला कालाजार का नहीं आए। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इसके लिए ह तरह से अभियान चलाकर लोगों को अवेयर करने का काम किया जा रहा है।

31 जिलों में कालाजार हुआ खत्म, सारण सीवान में खतरा

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सारण के 3 प्रखंड और सीवान का 1 प्रखंड अभी भी कालाजार से मुक्त नहीं हो सका है। हालांकि अभी बिहार के 31 जिले के 126 प्रखंडों में कालाजार के एक भी मामले नहीं हैं। इन जिलों में जीरो केस की रिपोर्ट हुई है। 2014 में राज्य में कालाजार के 8028 मरीज थे, जो 2020 में घटकर 1498 हो गए। वहीं अगस्त, 2021 तक बिहार में केवल 644 मरीज ही मिले हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि बिहार में कालाजार को मात देना बड़ी चुनौती थी।

बिहार में हर 40% की कमी, 5 गांव हॉट स्पाॅट

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में हर साल लगभग 40 फीसदी कालाजार मरीजों में कमी आ रही है। 2014 में बिहार में 228 गांव कालाजार के हॉट स्पॉट थे जो अब अगस्त 2021 में घटकर 5 हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कालाजार उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के कारण बिहार दिसम्बर, 2021 तक कालाजार से मुक्त हो जाएगा। सरकार का दावा है कि नए मामले की सही समय पर पहचान, प्रभावित क्षेत्रों में आईआरएस की गुणवत्ता पूर्ण छिड़काव, ऐसे क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग, सर्विलांस तथा सर्वे से संक्रमण पर अंकुश लगाया गया है। कालाजार मरीजों की पहचान करने से लेकर इलाज तक में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें काफी सतर्कता बरती जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कालाजार मरीज का ईलाज प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा किया जाए। कालाजार उन्मूलन की दिशा में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

क्या है कालाजार

कालाजार एक संक्रामक बीमारी है जो परजीवी लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है। कालाजार का परजीवी बालू मक्खी के द्वारा फैलता है। इस परजीवी का जीवन चक्र मनुष्य और बालू मक्खी के ऊपर निर्भर करता है। यह परजीवी अपने जीवन का ज्यादातर समय मनुष्यों के शरीर में रहकर बिताता है।

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