केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में मंगलवार को कहा गया कि कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक भी मौ’त नहीं हुई. जिसके बाद आज बिहार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडेय का बयान सामने आया है. बिहार में ऑक्सीजन के कमी से मौत पर मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना के दूसरी लहर में बिहार के जितने मरीज सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में आए, उन सभी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया.
मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना के दूसरी लहर में 16 मेट्रीक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी. जब कोरोना के दूसरी वेब अपने चरम सीमा पर था तो, एक दिन में 32 मेट्रीक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाता था. 20-25 दिनों में अगर किसी भी चीजों का डिमांड बढ़ता है तो सिस्टम पर बहुत प्रेसर आता है. फिर भी हमलोगों ने पूरे व्यवस्था को बनाए रखा केंद्र सरकार के सहयोग से ऑक्सीजन का लोकेशन भी बढ़ाया. ऑक्सीजन की ट्रास्पोर्ट करने के लिए जितनी चीजों की जरूरत थी, वो सरहयोग केंद्र सरकार से मिला. हमारे बिहार के अधिकारियों ने पूरा मेहनत किया. हर अस्पताल तक हमने ऑक्सीजन पहुंचाया और मरीजों की सेवा की है. हमारे राज्य के अस्पताल में किसी दिन ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई.
तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि, कोरोना काल में तेजस्वी यादव कहा थे. उनको राज्य के जानता से कोई मतलब नहीं था. बस घर में बैठकर ट्वीट करते थे. उनको जनता से मलतब नहीं रहता है. हमलोग जनता की सेवा करते हैं और काम करते हैं. नेता प्रतिपक्ष को मीडियो में बने रहने के लिए अनाप-सनाप बयान देते रहते हैं
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में मंगलवार को कहा गया कि कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक भी मौत नहीं हुई. ये बयान राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि किसी भी राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश ने यह नहीं बताया कि कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है.स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
Input : LiveCities
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