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बर्थडे स्पेशल: जब लोगों ने देखा लालू की पीठ पर थे लाठियों के गहरे निशान! जानें पूरी कहानी

पटना. राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुक्रवार को 74 साल के हो गए. 11 जून 1947 को गोपालगंज में जन्मे लालू प्रसाद यादव ने उम्र का लम्बा पड़ाव देखा है. इस दौरान उन्होंने राजनीति के उस मुक़ाम को हासिल किया जो किसी भी नेता का सपना होता है. लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा जेपी आंदोलन से शुरू की थी. उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई. बाद में वह 1977 में तब के सबसे कम उम्र के सांसद चुने गए, फिर 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद फिर केंद्रीय मंत्री भी बने.

लालू यादव से जुड़े कई दिलचस्प किस्से मशहूर हैं. इनमें से आपातकाल के दौर का एक किस्सा काफी चर्चित है. देश में तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने इमरजेंसी लगा दिया था. मीडिया से लेकर तमाम तरह की अभिव्यक्ति पर पाबंदी थी. इसी दौर में लालू यादव भी इमरजेंसी के विरोध में आंदोलन का हिस्सा थे. उसी दौरान जब पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए उनके ससुराल पहुंची तो उन्होंने हाई वोल्टेज ड्रामा कर दिया था, जो आज भी लोगों के जेहन में है.लालू ने अपना कुर्ता फाड़ डाला

दरअसल, लालू जेपी आंदोलन से जुड़े हुए थे और आपातकाल के दौरान पुलिस अन्य नेताओं की तरह उन पर भी नजर बनाए हुए थे. लालू यादव अपने ससुराल में अंडरग्राउंड हो गए थे, लेकिन उन्हें ढूंढ़ते हुए पुलिस राबड़ी देवी के घर यानी उनके ससुराल पहुंच गई. जब पुलिस उन्हें पकड़ने लगी तो लालू पुलिस की ही जीप पर चढ़ गए. उन्होंने पुलिस के सामने अपना कुर्ता फाड़ डाला और जोर-जोर से चिल्लाने लगे. लोगों ने देखा कि उनके पूरे बदन पर पुलिस की लाठियों के निशान थे.

सबसे कम उम्र में बने थे सांसद

लालू प्रसाद यादव ने आपातकाल के दौरान तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध काम किया और वे जेल भी गए. जब देश में स्थितियां सामान्य हुईं तो 1977 में लोकसभा चुनाव करवाए गए. इस चुनाव में 29 साल के लालू प्रसाद यादव बिहार के छपरा से चुनाव लड़े और जीते भी. उस वक्त लालू यादव भारत के सबसे युवा सांसद थे जो इतनी कम उम्र में लोकसभा पहुंचे थे.

नीतीश-रामविलास से हो गया अलगाव

जेपी आंदोलन के दिनों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के गहरे दोस्त हुआ करते थे. शरद यादव और रामविलास पासवान से भी उनकी अच्छी दोस्ती थी. इन सभी दोस्तों ने मिलकर वर्ष 1988 में जनता दल का गठन किया था, लेकिन बाद में कुछ मतभेदों के कारण लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से किनारा कर लिया और 1997 में अपनी खुद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था.

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