कार्तिक माह के कृष्णपक्ष की एकादशी को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी पा’प न’ष्ट हो जाते हैं।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त सच्चे मन और विधि विधान से रमा एकादशी का व्रत करता है, कथा पढ़ता है या सुनता है उसे सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है और मृ’त्यु उपरांत उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।रमा एकादशी दीवाली के चार दिन पहले आती है इसीलिए माता लक्ष्मी के नाम पर इसे रमा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी का पूजन करना भी बेहद शुभ और मंगलकारी माना जाता है।इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर के नैवेद्य अर्पण किया जाता है और आरती कर के प्रसाद बांटा जाता है। इस बार यह एकादशी 24 अक्टूबर गुरुवार को है।सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए यह व्रत सुख और सौभाग्यप्रद माना गया है। वहीं दिवाली के पहले माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह सबसे बड़ा अवसर भक्तों के पास होता है।
ये है रमा एकादशी का महत्व
कार्तिक माह में आने वाली रमा एकादशी का विशेष महत्व है। इस एकादशी को रम्भा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पा’पों का ना’श हो जाता है।
कहते हैं कि इस व्रत की कथा सुनने मात्र से ही वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से दरिद्रता दूर भाग जाती है और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है।
रमा एकादशी पर ऐसे करें पूजा
– रमा एकादशी का व्रत करने वाले को एक दिन पहले यानी कि दशमी से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
– सबसे पहले व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– एकादशी का व्रत निर्जला होता है।
– अब घर के मंदिर में विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
– विष्णु की प्रतिमा को तुलसी दल, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
– अब विष्णु जी की आरती उतारें और घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।
– मां लक्ष्मी का दूसरा नाम रमा है। यही वजह है कि इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है।
– इस दिन घर में सुंदरकां’ड का आयोजन करना शुभ माना जाता है।
– रात के समय सोना नहीं चाहिए। भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
– अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण या गरीब को यथाशक्ति भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें।
– इसके बाद अन्न और जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
रमा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
रमा एकादशी की तिथि: 24 अक्टूबर 2019
एकादशी तिथि आरंभ: 24 अक्टूबर 2019 को सुबह 01 बजकर 09 मिनट तक
एकादशी तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर 2019 को रात 10 बजकर 19 मिनट तक
द्वादश के दिन पारण का समय: 25 अक्टूबर 2019 सुबह 06 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 45 मिनट तक
द्वादश तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2019 को शाम 07 बजकर 08 मिनट तक
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