16 दिसंबर, 2012. निर्भया गैं’गरे’प. महिलाओं के खि’लाफ यौ’न’ हिं’सा के सबसे चर्चित मा’मलों में से एक. इसके खि’लाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे. दो’षियों को फां’सी देने की मांग के लिए. इस मा’मले में 6 आ’रोपी थे. इनमें से एक ने जे’ल में सु’साइड कर लिया औ’र एक ना’बालिग था. बाकी चार दो’षियों को फां’सी की स’ज़ा सु’नाई गई. लेकिन अभी तक उन्हें फां’सी दी नहीं गई है. हाल में ही एक दो’षी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका वापस ले ली. कहा कि दया याचिका भेजने के लिए उसकी स्वीकृति नहीं ली गई थी.ये चारों ति’हाड़ जे’ल में बंद हैं. अब खबर है कि इन चारों को फां’सी देने की तैयारी शुरू हो चुकी है. फां’सी के लिए र’स्सी तैयार की जा रही है. बक्सर की जे’ल में. PTI भाषा से बातचीत में बक्सर जे’ल के सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार अरोड़ा ने कहा,
हमें जे’ल के डायरेक्टरेट से 10 रस्सियां तैयार करने का निर्देश मिला हुआ है. 14 दिसंबर तक. हमें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है कि इनका इस्तेमाल कहां होगा.
फां’सी में इस्तेमाल होने वाली र’स्सियां 90 साल से बक्सर जे’ल में बन रही हैं. अजमल कसाब और अफ’ज़ल गुरु की फां’सी के लिए यहीं की बनी रस्सी का इस्तेमाल हुआ था. वहीं 2004 में कलकत्ता में रे’प के दो’षी धनंजय चटर्जी को भी बक्सर जे’ल में बनी रस्सी से फां’सी पर लट’काया गया था.
फां’सी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी को मनिला रो’प कहते हैं.
फिलिपीन्स में अबाका पेड़ होता है. उससे जो रेशा निकलता है उसे मनिला हेम्प कहते हैं. उस रेशे से बनी रस्सी मनिला रोप कहलाती है. ये रस्सी बेहद मजबूत मानी जाती है, इनका इस्तेमाल जहाज़ों में और मछली पक’ड़ने वाली जा’लियों में भी होता है. बक्सर में बनाई जाने वाली रस्सी को भी कई लोग मनिला रोप कहते हैं. ब्रिटिश इसे वहीं से मंगवाया करते थे. तब से लेकर अब तक यह नाम पॉपुलर हो चुका है. लेकिन बक्सर में बनाई जाने वाली रस्सी मनिला हेम्प से नहीं बनती. इसे बनाने के लिए J-34 टाइप का कॉटन इस्तेमाल होता है. ये रस्सी बक्सर जेल में रहने वाले कैदी बनाते हैं.बक्सर जेल में बातचीत करने पर वहां के अधिकारी ने हमें बताया,
‘आम जानकारी के अनुसार, और मेरा तर्क भी यही कहता है कि गंगा नदी के किनारे स्थित बक्सर की जे’ल में अंग्रेजों ने इंडस्ट्रियल शेड लगवाया. यहां पर पर्याप्त मात्रा में पानी और नमी थी. इसलिए यहां पर ये रस्सियां बनाना भी आसान पड़ता था. तब से लेकर अब तक यह एक तरह से परम्परा ही बन गई कि ये रस्सियां यहीं से बनती हैं.’
अब जब बक्सर जे’ल को 10 रस्सियों का ऑर्डर मिला है तो कयास लगने शुरू हो गए हैं कि दिल्ली गैं’गरे’प-म’र्डर के दो’षियों को फां’सी मिलने वाली है. इन चार दो’षियों के नाम हैं- विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता, और मुकेश सिंह. फां’सी की तारीख को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो ति’हाड़ जे’ल में उनकी फां’सी की तैयारी शुरू हो चुकी है.नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, तिहाड़ जे’ल के पास अभी कुछ रस्सियां मौजूद हैं, जिनसे फां’सी का ट्रायल शुरू हो चुका है. 100 किलो के बोरे में बालू भ’रकर ट्रायल किया गया, ताकि ये देखा जा सके कि रस्सी कहीं टू’ट तो नहीं जाएगी. इसी रिपोर्ट के मुताबिक़, चारों दो’षियों की काउन्सिलिंग भी की जा रही है. उनकी सुरक्षा के लिए छह सीसीटीवी कैमरे भी खरीदने की बात कही गई है.
सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि इन दो’षियों को 16 दिसंबर को फां’सी दी जाएगी. बता दें कि 2012 में गैं’गरे’प 16 दिसंबर की रात को ही हुआ था. हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
फिलहाल दो’षियों की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी गई है. अगर राष्ट्रपति इसे खारिज करते हैं तो पटियाला हाउस कोर्ट इन चारों के खि’लाफ ब्लैक वॉरंट जारी करेगा.
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