यदि कोई नियमों का उ’ल्लंघन करता मिलता है तो उसके खि’लाफ स’ख्त का’र्रवाई की जाएगी।सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र मिश्रा और एसपी सिटी अशोक कुमार की सयुंक्त अध्यक्षता में मंगलवार दोपहर एक बजे डीजे संचालकों के साथ बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि डीजे एक हजार डेसीबल से अधिक की आवाज करता है, इससे ध्व’नि प्र’दूषण होता है और इसे बजाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बैठक में शहर के 45 डीजे संचालक शामिल हुए।बैठक ने सिटी मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को डीजे संचालकों को पढ़कर सुनाया है। डीजे संचालक पिछले एक महीने से डीजे बंद करने को लेकर वि’रोध प्र’दर्शन कर रहे थे।बैठक के दौ’रान डीजे संचालकों ने प्रशासन से रोजगार की मांग की।
इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि डीजे संचालकों को जिला प्रशासन द्वारा स्वरोजगार प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जो पूर्णतया निशुल्क होगा। ताकि वे अपना रोजगार स्थापित कर सके।सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि यदि शहर में किसी भी पार्टी, सेमिनार, धार्मिक जागरण व अन्य कार्यक्रमों में डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति विभिन्न कार्यक्रमों की अनुमति मांगता है तो उसे यह भी सुनश्चित करना होगा कि कार्यक्रम में डीजे का उपयोग नहीं किया जाएगा.सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि ध्वनि प्र’दूषण नियंत्रण कानून का उ’ल्लंघन करना मूल अधिकारों का उ’ल्लंघन है। कोर्ट ने शहरी, रिहायशी, व्यावसायिक आदि इ’लाकों को ध्वनि मु’क्त क्षेत्र में डीजे पर पूर्णतया बै’न लगा दिया है, जिसके चलते शहर में डीजे पर प्र’तिबं’ध लगाया गया है। यदि यहां किसी व्यक्ति द्वारा इन स्थानों पर डीजे बजाने गया तो उसके खि’लाफ एफआईआर द’र्ज की जाएगी। कानून का उ’ल्लंघन करने पर पांच साल की स’जा और एक लाख रुपये तक का जुर्मा’ना लगाया जा सकता है।
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