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कोरोना के इन 5 लक्षणों को न करें नजरअंदाज, तुरंत जाएं अस्‍पताल

नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का असर अब देश के हर राज्‍य में दिखाई देने लगा है. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर पहले से भी ज्‍यादा खतरनाक होती जा रही है. डॉक्टरों के मुताबिक, नया कोविड स्ट्रेन (Corona Strain) न सिर्फ अधिक संक्रामक है, बल्कि कई गंभीर लक्षण भी लेकर आया है. ज्‍यादातर घरों में कोरोना के हल्‍के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोग घर पर ही इलाज कराकर ठीक हो रहे हैं तो कुछ की हालत गंभीर होने पर उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है.

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अगर आपको इन पांच तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे नजरअंदाज करने की भूल न करें. इन लक्षणों के सामने आने के बाद तुरंत अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत है.

सांस में किसी भी तरह की तकलीफ- सांस लेने में किसी भी तरह की तकलीफ या छाती में दर्द कोरोना संक्रमण के खतरनाक लक्षणों में से एक है. कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है जो हमारे फेफड़ों पर असर डालता है. वायरस का हमला जब फेफड़ों पर होता है तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और उसकी जान को खतरा बढ़ जाता है.ऑक्सीजन लेवल का कम होना खतरनाक- कोरोना संक्रमित होने पर शरीर का ऑक्‍सीजन लेवल काफी कम हो जाता है. इसका कारण ये है कि कोरोना संक्रमित मरीज के फेफड़ों के एयर बैग में फ्लूड भर जाता है, जिसके कारण शरीर में ऑक्‍सीजन लेवल काफी कम होने लगता है. ऐसे में जरूरी है कि तुरंत अस्पताल में दाखिल हो जाया जाए.बेहोशी आना या ब्रेन फंक्‍शन में दिक्‍कत होना- कोरोना संक्रमण का नया स्‍ट्रेन ब्रेन पर सीधा हमला कर रहा है. कई मरीजों में कोरोना वायरस ने ब्रेन फंक्शन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित किया है. इसके कारण मरीजों में आलस, बेचैनी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखने लगे हैं. अगर बात करते समय आप लड़खड़ाने लगे हैं तो हल्‍के में न लें और अस्‍पताल का रुख करें.सीने में दर्द की शिकायत-कोरोना वायरस का हमला सीधे फेफड़ों पर होता है, जिसके कारण सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है. SARS-COV2 कई मामलों में फेफड़ों की म्यूकोसल लाइनिंग पर अटैक करता है. इसके कारण छाती में दर्द और जलन महसूस होने लगती है. ऐसी दिक्‍कत आने पर तुरंत अस्‍पताल का रुख करना चाहिए.होठ या चेहरे पर नीलापन आ जाना- कोरोना पॉजिटिव मरीज के होठ और चेहरे पर नीलापन आ जाता है. इसका मतलब साफ है कि कोरोना मरीज का ऑक्‍सीजन लेवल काफी कम हो गया है. जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोक्सिया कहा जाता है. हाइपोक्सिया में हमारे टिशूज़ को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिसके कारण बॉडी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती है और चेहरे और होठ पर नीले निशान बनने लगते हैं.

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