दिव्यांगों के कल्याण एवं रो’जगार उपलब्ध कराने की केंद्र एवं राज्य सरकार की कोशिशों के बीच नि’राश वैशाली के एक दिव्यांग ने डीएम को पत्र लिखकर इच्छा मृ’त्यु की इ’जाजत मांगी है। 65 फीसद दिव्यांग आशीष रंजन को कोशिशों के बा’वजूद न तो नौकरी मिली और न ही रोजगार के लिए ऋण। उसे अपना परिवार चलाना मु’श्किल हो रहा है। पत्नी, तीन बच्चों एवं माता-पिता का भरण-पो’षण करना मु’श्किल है। थक-हारकर उसने यह कदम उठाया है।वह वैशाली जिला दिव्यांग कल्याण संघ का सचिव भी है। देसरी प्रखंड के रामपुर कुम्हरकोल के शिवजी सिंह के पुत्र दिव्यांग आशीष रंजन ने वैशाली के डीएम को लिखे पत्र में कहा है कि उसने एमए एवं बीएड किया है।
नौकरी नहीं मिलने पर दिव्यांग युवक ने थ’क-हा’रकर मुख्यमंत्री नि:शक्त रोजगार योजना के तहत ऋण के लिए 30 नवंबर 2017 को ही आवेदन दिया। लेकिन, उसे ऋण प्रदान नहीं किया गया।19 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन दिया। यहां भी उसे निराशा हाथ लगी। कई बार नगर निगम को दुकान के लिए आवेदन दिया। सरकारी योजना के तहत 35 किलो अनाज के लिए भी उसने आवेदन दिया ताकि परिवार को भोजन की व्यवस्था हो सके, पर आज तक उसे राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया।
आशीष का कहना है कि कई बार उसने प्राइवेट नौकरी के लिए भी आवेदन दिया पर कंपनियों का कहना है कि दिव्यांग के लिए नौकरी नहीं है। जिला एवं राज्य स्तर पर कई बार खेल एवं निश्शक्त जनसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उसे सम्मान मिल चुका है। दिव्यांग ने डीएम को लिखा है कि निवेदन है कि मुझे इच्छा मृ’त्यु की अनुमति दी जाए।
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