Breaking NewsCRIME

‘महात्मा गांधी’ की मदद से प’कड़े गए नकली नोट, अच्छी क्वालिटी से STF भी खा गई धो’खा; गलत दिशा में छापी गांधी की फोटाे

भिंड से नकली नोट खपाने ग्वालियर आए एजेंट को एसटीएफ ने कंपू थाना क्षेत्र के नेहरू पार्क से शनिवार सुबह गिरफ्तार किया। उसके पास से 2-2 हजार के 175 यानि कुल साढ़े तीन लाख रुपए के नकली नोट मिले हैं। खास बात है कि इन नकली नोटों की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि एकबारगी एसटीएफ भी उन्हें असली समझ बैठी, लेकिन नोट को लाइट में लाते ही ‘महात्मा गांधी’ ने चंद सेकंड में असली-नकली का भ्रम दूर कर दिया। बताया जा रहा है कि यह नोट भिंड में छापे गए हैं। गिरोह में 5 सदस्य होने का पता लगा है। एसटीएफ गिरोह की तलाश में जुट गई है।

नकली नोट के साथ पकड़े गए एजेंट के संबंध में जानकारी देते डीएसपी रोशनी सिंह, टीआई चेतन सिंह बैस। - Dainik Bhaskar

नकली नोट के साथ पकड़े गए एजेंट के संबंध में जानकारी देते डीएसपी रोशनी सिंह, टीआई चेतन सिंह बैस।

SP एसटीएफ नीरज सोनी को सूचना मिली थी कि एक युवक नकली नोट लेकर आने वाला है। इस पर टीम को अलर्ट किया गया। डीएसपी एसटीएफ रोशनी सिंह, टीआई चेतन सिंह बैस ने टीम के साथ कंपू के नेहरू पार्क के पास संदेही युवक को रोकने का प्रयास किया, तो वह भागने लगा। टीम ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 2-2 हजार के 175 नोट मिले। जब इन नोटों को थाने लाकर चेक किया गया, तो ये सभी नकली निकले। आरोपी से रैकेट के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

क्वालिटी इतनी बेहतर कि अफसर भी खा गए धोखा

एसटीएफ एक बार तो नोटों को देखकर धोखा खा गई। उन्हें लगा कि गलत आदमी को पकड़ लिया। यह नोट तो असली हैं। कागज की क्वालिटी, नोट के अंदर तार भी है, लेकिन जब नोट को लाइट के सामने रखकर देखा गया, तो महात्मा गांधी भी नजर आए, लेकिन गांधीजी के चेहरे की दिशा अलग थी। बस, गांधी की दिशा से असलियत सामने आ गई। इसके बाद आरोपी को निगरानी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।

40 हजार देकर मिलते थे 1 लाख के नकली नोट

पकड़ा गया युवक नकली नोट के रैकेट का पार्ट नहीं है, बल्कि सिर्फ एजेंट है। वह भिंड में एक युवक के माध्यम से यह नकली नोट लेकर ग्वालियर में खपाने आया था। वहां रैकेट से उसे यह आसानी से मिल जाते हैं। 40 हजार रुपए असली देने पर 1 लाख रुपए नकली मिल जाते हैं। यदि इनको मार्केट में खपा देता है, तो एक विजिट पर 60 हजार रुपए का फायदा होता है। आरोपी अभी तक पहली बार आने की बात कह रहा है, लेकिन एसटीएफ की टीम को आशंका है कि वह पहले नोट लेकर आता रहा है।

भिंड में छापते थे

नकली नोट लेकर आए एजेंट ने खुलासा किया है कि यह रैकेट भिंड में चल रहा है। वहां शहर में किराए के मकान में यह नकली नोट छापने का काम चलता है। प्राथमिक सूचना के आधार पर यह गिरोह 5 सदस्यीय है। सभी सदस्य भिंड के रहने वाले हैं। इनके पास 2 हजार के नोट की डाई है, जिसके आधार पर यह नकली नोट छाप रहे हैं। उसके अलावा उसका एक साथी और भी इस समय ग्वालियर में है, इसलिए एसटीएफ उसकी तलाश में लग गई है।

कागज, कलर व तार कहां से लाते थे?

अब एसटीएफ के सामने यह सवाल हैं कि यह गिरोह नोट की क्वालिटी का कागज, रंग व नोट में दिखने वाला तार कहां से लाते थे। यह अभी भी सवाल बना हुआ है। नकली रैकेट गैंग के सदस्य पकड़े जाने के बाद ही कुछ साफ हो सकेगा।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.