नई दिल्ली. पिछले साल 27 जनवरी को भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का पहला केस मिला था. तब से लेकर अब तक इस खतरनाक वायरस की चपेट में देश के एक करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं. लेकिन अब अच्छी खबर आ गई है. सरकार ने कोरोना की दो वैक्सनी- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को इंमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. वैक्सीनेशन का काम जल्द शुरू होने वाला है. लेकिन देश के 130 करोड़ आबादी को वैक्सीन लगाना आसान चुनौती नहीं होगी. लिहाजा इसके लिए मोदी सरकार ने युद्धस्तर तैयारियां पूरी कर ली है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए चुनाव की तरह बूथ स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने इसके लिए 20 मंत्रालय और 23 विभाग को तैनात किया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोविड- 19 के लिए नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन (NEGVA) की गाइडलाइन के हिसाब से टीका लगाया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार के करीब 20 मंत्रालय को काम में लगाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि टीकाकरण को लेकर राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर पहले ही सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके अलावा केंद्र के हर मंत्री को भी ये बता दिया गया है कि वैक्सीनेशन के दौरान उनकी क्या भूमिका होगी.
चुनावों की तरह बूथ लेवल पर वैक्सीनेशन की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक टीकाकरण का काम चुनाव प्रक्रिया के तहत हर बूथ लेवल पर किया जाएगा. इसके लिए देश के 719 जिलों में 57 हजार लोगों ने ट्रेनिंग में हिस्सा लिया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अब तक वैक्सीन लगाने वाले 96 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
हर डिपार्टमेंट को अलग-अलग ज़िम्मेदारी
वहीं अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सरकार ने कम से कम चार विभाग- शहरी विकास, रेवेन्यू, पीडब्लूडी और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग को जिम्मेदारी दी है कि वो ऐसे जगह की तलाश करे जिसे वैक्सीनेशन का केंद्र बनाया जा सके. भारत में वैसे तो करीब 82 लाख वैक्सीनेशन केंद्र बनाए जा सकते हैं, लेकिन कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने के लिए कई खास चीजों की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या कम हो सकती है. यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) के तहत आने वाले सेंटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
हर स्तर पर तैयारी
बता दें कि यूआईपी के तहत आने वाले 28900 कोल्ड चेन और करीब 8500 इक्विपमेंट का इस्तेमाल किया जाएगा. भारत में टीकाकरण की शुरुआत 1978 से हुई और 1985 में इस अभियान का नाम यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम रखा गया था. इसके अंतर्गत 12 बीमारियों के लिए और गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण होता है.
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