नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ देश में जल्दी ही वैक्सीन (Corona Vaccine) आ सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी इस बात की उम्मीद जता चुके हैं. वहीं, वैक्सीन तैयार होने के बाद आम लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए भी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. मामले से जुड़े एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारत ने अगले 6 से 8 महीनों में 60 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए चुनावी व्यवस्था को तैनात कर दिया है. फिलहाल भारत में तीन वैक्सीन उम्मीदवारों को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है.
वीके पॉल बताते हैं कि सरकार ने 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तक कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) सुविधााएं तैयार की हैं. पॉल, प्रधानमंत्री के सलाहकारों की टीम में शामिल हैं. उन्होंने चार वैक्सीन उम्मीदवारों का जिक्र किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातीचत में उन्होंने कहा ‘जहां तक मैं देखता हूं, चार वैक्सीन हैं. जिसमें सीरन, भारत, जायडस और स्पूतनिक को सामान्य कोल्ड चेन की जरूरत है. मुझे इन वैक्सीन में कोई परेशानी नजर नहीं आती है.’
सीरम के अलावा सभी विकसित कर रहे हैं अपनी वैक्सीन
भारत की सीरम इंस्टीट्यूट पहले ही एस्ट्राजैनेका की कोविशील्ड शॉट का स्टॉक कर रही है. जबकि, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला अपनी खुद की वैक्सीन तैयार कर रहे हैं. बीते महीने हेटेरो ने भी रूस की RDIF के साथ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक 5 के हर साल 10 करोड़ डोज की डील की है. एक्सपर्ट्स को जल्दी ही किसी वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिलने की उम्मीद है.
फिलहाल भारत में रेग्युलेटर्स फाइजर, एस्ट्राजैनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीन पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, फाइजर को -70 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होती है, जिसकी वजह से भारत में इसका उपयोग सीमित होगा. पॉल कहते हैं ‘सैद्धांतिक परिदृष्य में जब पारंपरिक कोल्ड चेन की जरूरत वाली कोई वैक्सीन नहीं होगी, तो -70 डिग्री सेल्सियस की क्षमता बनानी होगी. हम ऐसा करेंगे.’ उन्होंने बताया कि सरकार मॉडर्ना के साथ भी संपर्क में है. खास बात है कि मॉडर्ना को भी काफी ठंडे स्टोरेज की जरूरत होती है.
वह कहते हैं कि सबसे पहला काम है जान बचाना और सरकार 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बना रही है. इसमें 26 करोड़ लोग 50 साल से ऊपर उम्र के होंगे 1 करोड़ लोग 50 साल से कम उम्र, लेकिन गं’भीर ,बी’मारियों से जूझ रहे लोग होंगे. वहीं, 3 करोड़ लोग फ्रंटलाइन वर्कर होंगे.



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