नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में चीन के साथ जारी सीमा वि’वाद को लेकर दोनों देशों की वार्ता जारी है. मई में भारतीय सेना (Indian Army) के साथ हुए ट’कराव के बाद चीन ने कड़ाके की सर्दी में भी एलएसी (LAC) पर भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किया हुआ है. हालांकि चीन के सैनिक सर्दी सहन नहीं कर पा रहे हैं. कड़ाके की सर्दी को झेल न पाने के कारण चीन अपने सैनिकों को रोजाना बदल रहा है. सूत्रों का कहना है कि एलएसी के पास कठोर मौसम में तैनात चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों का मनोबल कम हुआ है. वहीं, भारतीय सेना के जवान अपने स्थान पर डटे हुए हैं.
न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ आगे की पोस्ट पर तैनात भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों की तुलना में अपने पदों पर अधिक समय तक रह रहे हैं. तापमान में जारी गिरावट और कठोर सर्दियों के कारण चीन अपने सैनिकों को रोजाना घुमाने के लिए मजबूर है, क्योंकि वो सर्दी को झेल नहीं पा रहे हैं.
क्यों लंबे समय तक टिक पा रहे हैं भारतीय सैनिक?
विज्ञापनnullसूत्रों का कहना है कि एलएसी पर भारतीय जवान इसलिए भी ज्यादा लंबे समय तक एक ही स्थान पर डटे हुए हैं, क्योंकि उनमें से ज्यादातर ऊंचाई वाले स्थानों पर ड्यूटी कर चुके हैं. सर्दियों के मौसम में चीनी सेना के सामने इस वक्त सियाचिन और पहले से ही लद्दाख में ड्यूटी कर चुके भारतीय सेना के जवानों को तैनात किया गया है.
चीनी सैनिकों के पास गर्म कपड़ों की कमी
चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति बदलने के लिए एलएसी के साथ अपने हजारों सैनिकों को तैनात किया है. अब सर्दी शुरू होने और तापमान के कम से कम माइनस 30 डिग्री सेल्सियस से कम होने के साथ चीनी सैनिकों की स्थिति खराब हो गई है. कठोर मौसम में उनकी गतिविधि भी कम हो गई है. एक सूत्र ने कहा, “यह पीएलए के लिए चिंता का विषय है. पीएलए सैनिकों का मनोबल अब बहुत कम है.” सूत्रों का ये भी कहना है कि चीन विशिष्ट ठंडे जलवायु के लिए गर्म कपड़ों की कमी का सामना कर रहा है और इसकी आपातकालीन खरीद करने जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि कपड़े और आवास की खराब गुणवत्ता के साथ पीएलए सैनिक शून्य से नीचे के तापमान में जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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