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#DELHI; न’कली जीरा बनाने वाले गि’रोह का भं’डाफो’ड़, 5 आ’रोपी गि’रफ्तार…

दिल्ली की बवाना थाना पुलिस ने घास, शीरे और पत्थर के पाउडर से न’कली जीरा बनाने वाले गि’रोह का भं’डाफो’ड़ किया है। पुलिस ने गि’रोह के स’रगना समेत पांच लोगों को गि’रफ्तार कर उनसे 20 क्विंटल न’कली जीरा ब’रामद किया है।पूठखुर्द स्थित एक गोदाम में बीते कुछ माह से नकली जीरा बनाने का काम चल रहा था। स्थानीय नागरिक ने एसआई विजय दहिया को इस बारे में सूचना दी थी। डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि इस सू’चना के आधार पर एसीपी बवाना की देखरेख में एसएचओ इंस्पेक्टर धर्मदेव और एसआई विजय दहिया की टीम गठित की गई।

टीम ने सोमवार रात गो’दाम पर छा’पा मा’रा, जहां गि’रोह के सरगना हरिनंदन व मजदूर कामरान, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन जीरा बनाते मिले। पुलिस ने इन्हें द’बोच लिया, जबकि दूसरा स’रगना फ’रार है।इनके खि’लाफ धो’खाध’ड़ी और संबंधित धा’राओं में एफआईआर द’र्ज की गई है।झा’ड़ू बनाने वाली घा’स का इस्तेमाल गि’रोह फूल झाड़ू के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली घास का इ’स्तेमाल करता था। महीन पी’से हुए प’त्थर के पा’उडर को गन्ने के शीरे की स’हायता से गूं’था जाता है। फिर इसे सू’खाकर बोरियों में भ’र दिया जाता है। ये लोग राजस्था’न से नक’ली जीरा बनाने वाला सा’मान लाते थे. गि’रोह के सरगना मजदूरों को प्रति किलोग्राम जीरा बनाने पर दो रुपये की मजदूरी देते थे। म’जदूर ला’लच में अतिरिक्त मेहन’त करते थे। पूछताछ में मा’लूम हुआ कि सरगना और मजदूर शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। हरिनंदन ने बताया कि उन्होंने अपने जिले के ही लोगों से नकली जीरा बनाने की तरकीब सीखी थी।गि’रोह सात वर्ष से नकली जी’रा बना रहा था।

हरिनंदन और उसका साथी पहले राजस्थान के कई शहरों में यह काम करते थे। ये लोग एक माह में ठिकाना बदल देते थे। जांच में सामने आया है कि पूठखुर्द वाले गोदाम को सुरेश नाम के व्यक्ति ने अगस्त में लिया था। हरिनंदन का काम नकली जीरा बनाना था, जबकि खरीदार ढूंढ़ने का काम फ’रार स’रगना का था। गि’रोह के बड़े जीरा कारोबारियों से संबंध हो सकते हैं। इसका खुलासा फरार सरगना की गि’रफ्तारी के बाद हो सकेगा।आ’रोपियों से पूछताछ में मा’लूम हुआ कि गि’रोह 40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से नकली जीरा बेचता था। थोक और खुदरा व्यापारी असली जीरे में 20 फीसदी नकली जीरा मिला देते थे। फिर इसे औसतन 400 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बे’चा जाता था।ईएसआईसी अ’स्पताल के एमडी डॉ. शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि नक’ली जीरे के सेवन से शरीर के कई हिस्सों को नु’कसान प’हुंच सकता है, जिससे इंसान की हा’लत बि’गड़ सकती है। नकली जीरा लगातार खाने से किडनी-लिवर और आंत पर इसका सबसे अधिक दु’ष्प्रभाव पड़ता है। इसमें मिलाए गए प’त्थर की वजह से किडनी फे’ल होने की भी नौबत आ सकती है। यह इंसान के लिए बहुत ही खत’रनाक है, इसलिए जीरा खरीदने से पहले इसकी गु’णवत्ता के बारे में भी पता कर लेना बहुत ही जरूरी होता है।

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