इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा इसलिए भी खास है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था जो कि उनका पहला अवतार माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था जिसकी खुशी में देवताओं ने देव दीपावली मनाई थी। इसके बाद आज तक हर साल कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। भागवत पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान कृष्ण ने गोपियों संग रास रचाया था। कार्तिक पूर्णिमा से जुड़े बहुत से दैवीय घ’टनाएं व संयोग इस पर्व को और महत्वपूर्ण बना देते हैं। आगे देखें कार्तिक पूर्णिमा तिथि व स्नान-दान का महत्व –
कार्तिक पूर्णिमा 2019: स्नान का विशेष मुहूर्त कल दोपहर 2:38 बजे, जानें कार्तिक पूर्णिमा का महत्व…

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