अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए हम यह सुनिश्चत करते हैं कि जो गलत हुआ है उसे दुर’स्त किया जाए। यह न्याय नहीं कहा जाएगा यदि हम मुस्लिमों के अधिकार के बारे में नहीं सोचेंगे। जिससे उन्हें उन साधनों से वंचित किया गया था जिसे ऐसे धर्मनिरपेक्ष देश में नहीं होना चाहिए था जो कानून से शासन से संचालित होता है। संविधान कहता है कि सभी धर्मों और पंथों की सबके साथ बराबरी हो।
सहिष्णुता तथा आपसी सहअस्तित्व हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को मजबूत करेगा। इसलिए हम आदेश देते हैं कि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन अयोध्या में प्रमुख स्थान पर दी जाए।
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