बता दें कि अयोध्या विवाद को लेकर वे भी पक्षकारों में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या वि’वाद को लेकर चालीस दिनों तक चली सु’नवाई के दौ’रान उनके द्वारा अयोध्या में राम जन्म भूमि को लेकर छह दस्तावेजों के आधार पर तैयार नक्शा भी उपलब्ध कराया गया था। जिसको विपक्षी पक्षकार के वकील ने फाड़ दिया था। उनके द्वारा लिखित ‘अयोध्या रीविजिटेड’ और ‘अयोध्या बियांड एड्यूस्ड एविडेंस’ में भी इससे संबंधित नक्शा दिया गया है। महावीर मंदिर न्यास पटना के सचिव पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए फैसले पर खुशी का इजहार किया।
कहा कि फैसला ऐतिहासिक है। सभी पक्षों को फैसले का स्वागत करना चाहिए। खुशी की बात है कि जिस जमीन पर दावा था, वह रामलला को मिल गयी है। राममंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।सुप्रीम कोर्ट ने उनके नक्शे को प्रमाणिकता दे दी है। उन्होंने सुनवाई के दौरान अयोध्या राम जन्मभूमि को लेकर कई दस्तावजों के आधार पर तैयार नक्शे को सबूत के तौर पर कोर्ट में जमा किया था। उनके नक्शे द्वारा जो बात बतायी गयी थी उसी से जुड़ा फैसला आया है। नक्शे में मस्जिद के मध्य भाग के नीचे रामजन्म भूमि के निशान हैं। जिसे अब मान्यता मिल गयी है। कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अब सरकार नियमावली बनाएगी। ट्रस्ट बनाने का काम होगा।
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