रविवार 30 जून को रविवारीय प्रदोष व्रत का दिन है इस दिन व्रत रखकर शाम के समय प्र’दोषकाल में भगवान शिवजी की विशेष पूजा आराधना करने से अनेक मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी कर देते हैं। प्र’दोष व्रत हिंदू धर्म में अनेक व्रतों में प्रथम स्थान प्राप्त है। ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन शिव पूजा करने से जीवन के पुराने से पुराने पाप भी धुल जाते हैं, और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। 30 जून रविवार को जरूर करें शिवशंकर की ऐसे पूजा।ऐसी प्राचीन मान्यता है कि प्रदोष का व्रत रखने वालों को 2 गायों के दान करने के समान पुण्यफल मिलता है।
प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती है की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर होगा, अन्याय और अनाचार अपनी चरम सीमा पर होगा। व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर कु’कर्म के कार्यों में आनंद लेने वाले वाले अनेक लोग पा’प के भागी बनेंगे। अगर वे पा’पों से बचने के लिए प्र’दोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेंगे तो उनके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी न’ष्ट हो जायेंगे और उन्हें उत्तम लोक की प्राप्ति होगी।
प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शिव पूजा
1- जीवन के सभी पा’पों के ना’श के लिए 30 जून 2019 को प्रदोष व्रत अवश्य करें।
2- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिवमंदिर में जाकर 251 बार महामृ’त्युंजय मंत्र का जप करें।
3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।
4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।
5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।
6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती है।
7- शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से जाने अंजाने में हुये सभी तरह के पुराने से पुराने पाप कर्मों के फल से मुक्ति मिल जाती है।
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