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आज है साल का अंतिम शनि प्रदोष व्रत, इन 5 उपायों से रहेंगे आने वाले साल में खुशहाल ज़िंदगी ‘ॐ सः शनैश्चराय नमः’

शनिवार, 9 नवंबर को त्रोयदशी व्रत यानी प्रदो’ष व्रत रखा जाएगा। इस बार त्रोयदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है, जिससे विशेष संयोग बन रहें है। त्रोयदशी व्रत अगर शनिवार के दिन हो तो इसे शनि प्रदो’ष व्रत कहा जाता है। इस साल का यह अंतिम शनि प्रदो’ष व्रत है, वैसे प्रदो’ष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा का विधान है, परंतु अगर प्रदो’ष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है तो इस दिन भोले शंकर के साथ साथ शनि देव कि पूजा भी की जाती है। जिस वजह से इस व्रत को शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। अगले साल 2020 के पहले महीने में ही शनि मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे वृश्चिक राशि के जातक साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे और कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभा’व शुरू हो जाएगा।

इस शनि प्रदोष व्रत में आप अगर शनि को मना लेंगे तो आने वालो वर्ष में शनि आपके क’ष्टों को कम कर देंगे। अगर आपके जीवन में नौकरी से संबंधित दि’क्कतें आ रहीं हैं तो शनि प्रदो’ष व्रत के दिन नाव के कील की अंगूठी पहनें। इस दिन सुबह और शाम के समय में हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शनि मंत्र का जाप करने से भी शनि का अशुभ प्रभा’व कम होता है।
मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

दांपत्य जीवन की परे’शानियों को दूर करने के लिए इस दिन हनुमान जी के मंदिर जाएं और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं। इस दिन सूंदर कां’ड का पाठ करने से भी सभी प’रेशनियां दूर हो जाती हैं और दांपत्य जीवन खुशहाल हो जाता है।आपके व्यवसाय में कोई दि’क्कतें आ रहीं है तो इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करें। इस दिन शनि स्त्रोत के पाठ करने से भी परे’शनियां कम होती है।जो लोग शनि की साढ़े साती से पी’ड़ित है उन्हें इस दिन शनि महाराज को तेल च’ढ़ाना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि को तेल चढ़ाने से ग्रह दो’षों से मु’क्ति मिलती है।

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