बिहार के मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कोटा (Kota) के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों (Students) को लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में वहां से वापस लाने के पक्ष में नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि इस तरह से सड़क मार्ग से लोगों के आने-जाने से लॉकडाउन की साथ खिलवाड़ होता है। यह कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण के लिहाज से काफी खत’रनाक है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश (UP) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने कोटा में रह रहे अपने राज्य के विद्यार्थियों को लाने के लिए वहां बसें भेजी हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह समय वाहनों के परिचालन का नहीं है।
बोले- कोटा में ही विद्यार्थियों को सुरक्षा दे राजस्थान सरकार
विदित हो कि राजस्थान (Rajasthan) के कोटा में पूरे देश के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Examinations) की तैयारी करते हैं। लेकिन वहां कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद उन विद्यार्थियों को वहां से बाहर निकाल घर पहुंचाने की मांग उठने लगी है। मामले को तूल पकड़ता देख राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने ऐसे विद्यार्थियों को वहां से जाने को स्वीकृति देने काे तैयार हो गई है।
इसके बाद बताया जा रहा है कि यूपी सरकार अपनी तीन सौ बसें भेजकर वहां फंसे अपने राज्य के विद्यार्थियों को निकालने की तैयारी कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लॉकडाउन का माखौल उड़ाना बताया है। साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार से बसों का परमिट वापस लेने तथा कोटा में ही विद्यार्थियों को सुविधा व सुरक्षा देने की मांग की।
सड़क मार्ग से कुछ विद्यार्थी पहुंचे बिहार, विलंब से मिली जानकारी
इसके पहले कोटा में रहने वाले कुछ विद्यार्थी बिहार भी पहुंचे। कोटा के डीएम (DM Kota) ने ऐसे कुछ विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को सड़क मार्ग से बिहार आने के लिए वाहनों के पास जारी कर दिए थे। निजी वाहनों को बिहार के लिए पास जारी करने की सूूचना राज्य सरकार को देर से मिली।
बिहार सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखा नाराजगी भरा पत्र
बिहार सरकार ने कोटा जिला प्रशासन के इस फैसले का विरोध करते हुए केंद्रीय गृह सचिव (Central Home Secretary) अजय भल्ला को तीन दिन पहले पत्र भी लिखा है। मुख्य सचिव (Chief Secretary) दीपक कुमार ने अपने पत्र में साफ कहा है कि इससे लॉकडाउन के अनुपालन की भावना को ठेस पहुंचती है। बिहार की नाराजगी को व्यक्त करने वाले मुख्य सचिव के पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि पूर्व में नोएडा (NOIDA) व गाजियाबाद (Gaziabad) से बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी कामगारों को यहां बसों में भरकर भेज दिया गया था। वैसे, कोटा से लौटे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को क्वरंटाइन में भेज दिया गया है।
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