इस बार भी बरसात में शहर में जलजमाव होना तय है। क्योंकि, चार साल में एक भी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। साढ़े चार साल पहले 183 करोड़ रुपए सरकार से मिले थे। इससे तीन एसटीपी बनना था। इसको लेकर 30 मई 2019 बुडको के साथ खिलाड़ी इंफ्रा एंड अन्नू प्रोजेक्ट लिमिटेड ने एग्रीमेंट किया था। काम 30 माह में पूरा कर लेना था। लेकिन, चार साल विभाग ने दो एसटीपी के लिए जमीन खोजने में ही लगा दिया। वर्तमान में केवल दिघरा में 2.5 एमएलडी का एसटीपी बनाने का काम चल रहा है। तीन एसटीपी व ड्रेनेज निर्माण के लिए बुडको के पास 183.40 करोड़ हैं। मार्च 2019 में तत्कालीन नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने इसका शिलान्यास किया था।
मणिका में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनाने के लिए काफी परेशानी के बाद स्ट्रक्चर का काम शुरू हुआ। लेकिन, श्मशानघाट की जमीन बताकर कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। अंततः मणिका में एसटीपी बनाने का काम बंद करना पड़ा। अब मुशहरी में कृषि विभाग की जमीन 22.5 एमएलडी की एसटीपी बनाने के लिए मिली है। इसके लिए कृषि विभाग ने एनओसी दे दिया है। दूसरी तरफ, कल्याणी से खबड़ा फरदो नाला तक बनने वाले एसटीपी के लिए अब तक जमीन भी चिह्नित नहीं हो सकी है। अमृत योजना के तहत मुजफ्फरपुर में 22.40 किमी ड्रेनेज बनाने के साथ ही तीन एसटीपी का निर्माण होना है। लेकिन, अब तक करीब 3 किमी ड्रेनेज ही बन सका है।
इधर, स्मार्ट सिटी से दाउदपुर कोठी में बन रहा है 15 एमएलडी का एसटीपी
शहर को जलजमाव से निजात के लिए मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी से 15 एमएलडी क्षमता का एसटीपी पीएचईडी परिसर दाउदपुर कोठी में बन रहा है। 32 किमी स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज और 82 किमी सीवरेज पाइपलाइन बिछनी है। 50 किमी से ज्यादा सीवरेज पाइप बिछ चुकी है। लेकिन, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का काम शुरू नहीं हुआ है। दिसंबर तक स्मार्ट सिटी को एसटीपी व ड्रेनेज बनाने और सीवरेज पाइपलाइन बिछाने का टारगेट दिया गया है।
बुडको को तीन एसटीपी बनाना है। दिघरा में एसटीपी का काम शुरू है। कृषि विभाग से एनओसी नहीं मिलने से मणिका मुशहरी में समय लगा। अब एनओसी मिल गया है। खबड़ा एसटीपी के लिए जमीन नहीं मिली है। डीएम से फिर इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। मिठनपुरा से दिघरा एसटीपी तक ड्रेनेज का काम थोड़ा बचा हुआ है। एजेंसी को जल्द काम पूरा करने की हिदायत दी गई है। -नवीन कुमार, नगर आयुक्त
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