बिहार में अनलॉक-9 के शुरू होने से ठीक पहले क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की मीटिंग पटना में हुई थी। इस मीटिंग के बाद शादियों को लेकर विशेष आदेश राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए थे। लेकिन सरकारी निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा। इस पर भास्कर ने जब पड़ताल की तो क्राइसिस मैनेजमेंट के निर्देशों के उल्लंघन की जानकारी हुई।
क्राइसिस मैनेजमेंट की मीटिंग में सबसे प्रमुख बिंदू था कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन हर हाल में उन लोगों को करना है, जिनके घरों में शादी होनी है। आदेश था कि जिन लोगों के घरों में शादी है, वो 3 दिन पहले अपने लोकल थाना में उसकी सूचना देंगे। शादी कब, कहां और उसमें कितने लोग आएंगे? इसके बारे में थाना को पूरी जानकारी देनी है। लेकिन, राज्य सरकार के इस आदेश की धज्जियां उड़ रही है। वो कैसे? आप इन आंकड़ों के जरिए जानिए। सरकारी आदेश की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है? इसकी पड़ताल भास्कर ने राजधानी के अंदर की।
15 थानों के पड़ताल में सामने आई कमी
पिछले 4 महीने में शादियों का कोई मुहूर्त नहीं था। 15 नवंबर से लगन का दौर शुरू हुआ। भास्कर ने सबसे पहले शादियों के लिए किए गए बुकिंग को लेकर व्यापारी एसोसिएशन से बात की। इनके अनुसार 15 से 23 नवंबर तक में शहरी इलाकों में 1200 से 1500 शादियां हो चुकी हैं।
राजधानी के 15 प्रमुख थानों को खंगाला गया। वहां के थानेदारों से बात की गई। सभी से एक ही सवाल पूछा गया कि सरकारी आदेश के तहत शादी से 3 दिन पहले क्या लोग आपके यहां सूचना दे रहे हैं? वो नियमों का पालन कर रहे हैं? इस पड़ताल में जो परिणाम सामने आया, वो चौंकाने वाला था। 15 थानों में अब तक कुल 264 शादियों की ही सूचनाएं मिली।
इसमें भी पीरबहोर थाना ऐसा है कि इसके इलाके में शादियां तो कई हुईं, पर थाना को सूचना देने के नाम पर रिजल्ट जीरो मिला। पिछले 9 दिनों में इस थाने में एक भी सूचना नहीं आई। हालांकि, 3 ऐसे थाना मिले, जहां करीब 40 सूचनाएं आईं। इसमें गांधी मैदान, कोतवाली और कदमकुआं थाना शामिल हैं। थानेदारों के अनुसार, सूचना मिलने पर उनकी टीम शादी वाले जगह पर जाती है। वहां वेरिफिकेशन करती है। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के लिए मौके पर मौजूद लोगों को जागरूक करती है। एक जगह पर भीड़ न जुटे, इसके लिए सख्त हिदायत देती है।
Leave a Reply