कोरोना (Corona Patients) मरीजों की संख्या देश में फिर से बढ़ने लगी है. वैसे तो देश भर में टीकाकरण (Vaccination) कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लग रहे हैं, लेकिन लोगों को टीके लगने से पहले ही अचानक संक्रमण (Infections) में तेजी आना चिंतित कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) का कहना है कि कम से कम तीन भारतीय राज्यों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए वेरिएंट (New Variants) पाए गए हैं. सवाल ये उठता है कि क्या वाकई ये वेरिएंट खतरनाक हैं और कोरोना मामलों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ा रहे हैं और इस समय कितने वेरिएंट सक्रिय है.
क्या इन्हीं वेरिएंट की वजह से बढ़े हैं मामले?
मंगलवार को अकेले महाराष्ट्र और केरल में 50 हजार से ज्यादा मामले आए हैं जो कुल मामलों का 75 प्रतिशत है. इसमें केरल के 37.85 प्रतिशत मरीज हैं तो वहीं महाराष्ट्र में 36.87 प्रतिशत मामले हैं. इस बढ़ोत्तरी के साथ ही यह तो स्पष्ट है कि देश में कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल इस बात के प्रमाण नहीं हैं कि नए संक्रमणों के लिए
क्या भारत में ही पाए गए हैं ये वेरिएंट?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि भारत में जो नए वेरिएंड आए हैं वे N440K और E484K वेरिएंट हैं. ये वेरिएंट ना तो नए हैं और ना हि विशुद्ध तौर पर भारत में पाए हैं हैं. आईसीएमआर के डायरेक्टर जर्नल डॉ बलराम भार्गव ने न्यूज 18 को बताया कि ये वेरिएंट दूसरे दशों में भी पाए गए हैं और इससे पहले ही वे भारत के कुछ राज्य में पाए गए हैं.
किन राज्यों में मिले हैं कोविड-19 के ये नए वेरिएंट?
फिलहाल N440K और E484K कोविड वेरिएंट केवल महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना राज्य में मिले हैं. नए संक्रमण के लिए क्या ये ही वेरिएंट जिम्मेदार हैं यह अभी तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन लोगों में यह डर तो बैठ ही रहा है कि कहीं लॉकडाउन फिर से लागू ना हो जाए. वहीं सरकार की तरफ से भी कोई संकेत नहीं मिले हैं.
कोरोना मामलों (Corona cases) की संख्या बढ़ने के साथ नए वैरिएंट (New Variants) का पाया जाना आशंका पैदा कर रहा है.
कितने वेरिएंट का संक्र’मण हुआ है भारत में
अब तक भारत में कम से कम पांच कोरोना वायरस वेरिएंट पहचाने जा चुके हैं. इसमें N440K वेरिएंट, E484K वेरिएंट, और ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रिका और ब्राजील के वेरिएंट शामिल हैं. नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाय के सदस्य डॉ वाके पॉल के मुताबिक अब तक ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रिका और ब्राजील के वेरिएंट के 194 संक्रमण की पहचान भारत में हो चुकी है.
क्या पहले भी मिल चुके हैं भारत में ये संक्र’मण?
आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि E484Q स्ट्रेन का संक्रमण इससे पहले पिछले साल मार्च और जुलाई के बीच महाराष्ट्र में पाया गया था, वहीं N440K म्यूटेशन का संक्रमण मई और सिंतबर 2020 के बीच तेलंगाना आंध्रप्रदेश और आसाम में 13 अलग अलग मौकों पर पाया गया है.
अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, क्यों?
फिलहाल देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ ही उसके बर्ताव और बदलाव में भी नजर रखी जा रही है. अब तक 3500 स्ट्रेन की सीक्वेंसिंग हो चुकी है. इस बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ पॉल ने कहा, “जब हम सीक्वेंसिंग करते हैं, तो हम वायरस के असामान्य बर्ताव पर ध्यान देते है. हम पहले ही म्यूटेंट पर निगार रख रहे हैं.” उन्होंने बताया कि अभी तक अध्ययन से संक्रमण में नई तेजी का म्यूटेशन से कोई संबंध नहीं मिला है. लेकिन अभी निर्णायक नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है.
एक बार फिर हमें कोविड-19 (Covid-19) से सावधानियों के प्रति गंभीर होने की जरूरत है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कितने खत’रनाक हैं ये वेरिएंट
E484K नाम में 484 म्यूटेशन की सटीक स्थिति को बताता है. जब कि अक्षर E मूल अमीनो एसिड को दर्शाता है उसी तरह से अक्षर के भी वायरस के मूल अमीनो एसिड को दर्शाता है जिससे म्यूटेशन हुआ था. इसके अलावा यूके या फिर केंट वेरिएंट ( B.1.1.7) जब यूके में पाया गया था तो वह 70 प्रतिशत तेजी से फैलने के कारण चर्चा में आया था. इसी तरह का असर दिखाने वाला दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट जिसे 501Y.V2 या B.1.351 भी कहते हैं, पहली बार दिसंबर 2020 में पाया गया था. वहीं ब्राजील का वेरिएंट पिछले साल जुलाई में सामने आया था और वह भी कुछ इसी तरह का है.
नए वैरिएंट की वजह से कोरोना वायरस को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों में कोई बदलाव नहीं आएगा. हाथ धोना, मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अभी उतने ही अहम हैं. बस हमें अब और ज्यादा सावधानी की जरुरत है क्योंकि लोगों में अब सावधानी के प्रति गंभीरता कम होने लगी है.
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