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पीएम ने कहा-देश बन रहा आत्मनिर्भर, अब सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में सक्षम

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव (National Metrology Conclave) का उद्धाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नया साल देश के लिए नई उपलब्धि लेकर आया है. नए साल पर देश को दो मेड इंन इंडिया कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) दी गई हैं और इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई है. देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है और उनका योगदान हमेशा सभी याद रखेंगे.

बता दें कि नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री (CSIR-NPL) आयोजित कर रहे हैं, जिसके 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस कॉन्क्लेव की थीम है मेट्रोलॉजी फॉर द इन्क्लूसिव ग्रोथ ऑफ द नेशन.

इस कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमें दुनिया को केवल भारतीय उत्पादों से भरना नहीं है. हमें भारतीय प्रोडक्ट्स को खरीदने वाले हर ग्राहक की उम्मीद पर खरा भी उतरना है. हमें ब्रांड इंडिया को क्वालिटी, क्वांटिटी दोनों पैमानों पर भरोसेमंद नाम बनाना है. हमे भारतीय उत्पाद खरीदने वाले हरेक का दिल जीतना है. आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने के लिए ये बेहद जरूरी है.’
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पीएम ने कहा, ‘मेड इन इंडिया की ग्लोबल डिमांड- ग्लोबल स्वीकार्यता हो, इस दिशा में बड़े प्रयास करने होंगे. आत्मनिर्भर भारत में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पर जोर होना चाहिए. हमें क्वालिटी माप के लिए विदेशी स्टैंडर्डर्स पर निर्भरता कम करनी है.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर हो में या प्राइवेट. प्रोडक्ट्स की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट. हमारे क्वालिटी स्टैंडर्ड ये तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़े.’

उन्होंने कहा, ‘CSIR के वैज्ञानिक देश के ज्यादा से ज्यादा छात्रों के साथ संवाद करें , कोरोना काल के अपने अनुभवों को और इस शोध क्षेत्र में किये गए कामों को नई पीढ़ी से साझा करें. इससे आने वाले कल में आपको युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी.’

पीएम मोदी ने कहा कि इस समय भारत के सामने नया लक्ष्य, नई चुनौतियां हैं और भारत उनका बखूबी सामना कर रहा है. नए दशक में क्वालिटी और माप की दिशा में नई दिशा देनी होगी. दुनिया में इस समय भारत के प्रोडक्ट्स कहां स्टैंड कर रहे हैं इसके लिए मेट्रोलॉजी का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है.

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