World Malaria Day: कोरोना से जूझ रही दुनिया को मलेरिया के इलाज में दी जाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन से उपचार में मदद मिलने की काफी उम्मीदें हैं। पर बदलते मौसम का सवाल यह भी है कि जिस रोग की दवा से दुनिया कोरोना की रोकथाम का प्रयास कर रही है, हम खुद उस मलेरिया को लेकर कितने सतर्क हैं? जी हां, भले ही अभी सभी की निगाहें कोरोना पर टिकी हैं लेकिन यह मौसम मच्छरों से फैलने वाली बी’मारियों का भी है।
संक्रमित एनाफिलीज मच्छर : इन दिनों जरा सी असावधानी मलेरिया का कारण बन सकती है। बेहतर होगा कि इम्युनिटी बढ़ाएं और आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान दें। यह तो सभी को ज्ञात है कि प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलने वाले मलेरिया रोग की वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर है। संक्रमित एनाफिलीज मच्छर द्वारा किसी व्यक्ति को काटने के दौरान उसके शरीर में मलेरिया के परजीवी छूट जाते हैं। अगर कोई अन्य मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटती है तो वह भी संक्रमित हो जाती है। जब वह किसी नए व्यक्ति को काटती है तो उसमें मलेरिया का संक्रमण हो जाता है।
साफ-सफाई से रहेंगे स्वस्थ
पूरी बांह के कपडे़ पहनें।
समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। मॉस्क्विटो क्वायल का प्रयोग करें।
घर की स्वच्छता को प्राथमिकता में रखें। खिड़की और दरवाजों में जालियां लगाएं।
सोते समय शरीर के खुले अंगों तथा चेहरे पर सरसों का तेल या मेडीकेटेड ऑयल, जेल का इस्तेमाल करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें।
खाली डिब्बे, गमले या अन्य ऐसी चीजें घर में न रखें, जिनमें पानी कई दिन तक भरा रहे और मच्छरों को पनपने का मौका मिले। कूलर का पानी बदलते रहें।
मलेरिया के लक्षण एक से दो सप्ताह में दिखाई देते हैं : मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति बहुत ही कम समय में एनीमिया का शि’कार होने लगता है और प्रारंभिक लक्षणों में बु’खार, द’र्द की स’मस्या शुरू होती है। कई बार इससे संक्रमित व्यक्ति में पहले यकृत और फिर लाल रक्त कोशिकाएं संक्रमित होती हैं। इसके लक्षण एक से दो सप्ताह में दिखाई देते हैं।
टीबी, एड्स और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में मलेरिया का संक्रमण होने पर-अगर लापरवाही बरती गई तो-यह जानलेवा हो जाता है। अगर इस मौसम में किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखें तो खुद से कोई दवा लेने से बेहतर होगा कि तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। रक्त की सामान्य जांच से मलेरिया का पता चल जाता है और इसका उपचार भी आसान है।
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