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है’रतअंगेज: बच्चों की तरह इसकी बात मानता है कोबरा, ज’हरीले सांपों के साथ खेलता है ये शख्स, देखें…

जिस वि’षधर सांप का नाम सुनते ही लोग ड’र के मा’रे सहम जाते हैं, उसे देखते ही मौ’त नजर आती है और ची’ख पु’कार म’च जाती है। उन वि’षधर सांपों को अपने बच्चों की तरह नहलाते, पुचकारते एवं उनके साथ बच्चों की तरह खेलता हुआ संतोष को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं।मढौरा प्रखंड के रामपुर पंचायत के दामोदरपुर गांव निवासी 35 वर्षीय संतोष प्रसाद का सांपो से ऐसा नाता जुड़ा कि लोग उन्हें महाकाल के नाम से पुकारने लगे। बचपन से ही सांपो से खेलना, उनके साथ रहना उनकी दिनचर्या में शामिल रहा। आसपास के गांव में कहीं भी विषैला सांप निकलता है, तो उसे मा’रने के बजाय लोग महाकाल को फोन करते है।

खबर मिलते ही महाकाल उक्त स्थान पर पहुंच सांप को प्रणाम कर उसे प’कड़ लेता है।वह प’कड़े हुए सांपो से बड़ी हम’द’र्दी और सम्मानजनक तरीके से पेश आता है। पहले वह सांप को नहलाता है, फिर घर लाकर उसे बच्चों की तरह दूध पिलाता है। फिर अपने घर में उन्हें रहने की जगह देता है। एक दो दिन वो सांप उसके घर मे रहते हैं, फिर कहीं चले जाते है।

पुणे में पुराने बंगले से निकाला था सांप, मालिक ने गिफ्ट की बाईक

संतोष प्रसाद ने बताया कि वह गाड़ी चलाता था, कुछ वर्ष पहले गांव को छोड़कर अन्य प्रदेशों में जाकर राजमिस्त्री का काम भी किया है। लेकिन काम के दौ’रान भी सांपो से उसका खास लगाव रहा। उसने बताया कि जब वह महाराष्ट्र के पुणे स्थित नारायण गांव में रहता था, तब एक पुराने बंगले में विशाल सांप होने की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी आये थे, लेकिन सांप उनके हाथ नहीं आया।तब वहां के लोगो ने संतोष उर्फ महाकाल को बुलाया । संतोष वहां पहुंचा औरसांप को पकड़ अपने घर ले आया। यह देखकर उस बंगले के मालिक ने संतोष को बाईक गिफ्ट किया था। वह अपने गांव लौट आया और गांव में संतोष की एक चाय की दुकान है और वह आज भी राजमिस्त्री का काम करता है।

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