मैं पिछले सात सालों से कानून पर भरोसा बनाए रखी हूं और अब भी कायम है।’सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि निर्भया मा’मले में सुन’वाई अदालत, उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत के फैसले सहित प्रासंगिक रि’कॉर्ड राष्ट्रपति के समक्ष गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए। अ’दालत ने यह भी कहा कि जे’ल में कथित पी’ड़ा का सामना करने को राष्ट्रपति के द’या याचिका खारिज करने के खि’लाफ आधार नहीं बनाया जा सकता ।दिल्ली में दिसम्बर 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मु’जरिमों को अ”दालत ने मौ’त की स’जा सुनायी थी।
इन दो’षियों में से एक मुकेश की द’या याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खा’रिज कर दी थी। बता देंकि 23 वर्षीय नि’र्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात छह व्यक्तियों ने सामूहिक बला’त्कार के बाद उसे बु’री तरह ज’ख्मी हा’लत में सड़क पर फें’क दिया था। निर्भ’या का बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में नि’धन हो गया था।
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