नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी कर दिए हैं. इसमें कहा गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती में चनित अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन 26 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाना चाहिए. सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, प्रताप सिंह बघेल की ओर से सभी बीएसए को भेजे गए पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि त्रुटिपूर्ण या गलत और देरी से वेरीफिकेशन के लिए संबंधित जिले के बीएसए जिम्मेदार होंगे.
भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों और संस्थाओं द्वारा वेरिफिकेशन के लिए निर्धारित शुल्क जिला स्तर से दी जाएगी. सचिव के अनुसार, ऐसा पता चला है कि वेरिफिकेशन के संबंध में जिला स्तर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिससे चयनित अध्यापकों का वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है. यूपी बोर्ड, परीक्षा नियामक प्राधिकारी और तमाम विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर परीक्षाओं के परिणाम मौजूद हैं.
5100 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक
इस बीच, 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के तीसरे चरण की काउंसलिंग रुक गई है. जिसकी वजह से 5100 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है. कोरोना महामारी के चलते काउंसलिंग रुकने के बाद अभ्यर्थी अब ऑनलाइन काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं. इन पदों पर तीसरे चक्र की काउंसिलिंग से पद भरने की घोषणा मार्च के पहले पखवाड़े में की गई थी. लेकिन विभाग इस दिशा में अभी तक कुछ नहीं कर पाया है. विभाग ने रिक्त पदेां के सही आकलन के लिए जिलों से ब्यौरा मांगा था लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अभी तक सूचनाएं नहीं भेजी हैं.
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