बिहार की नीतीश सरकार ने निजी लैब में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट का रेट तय कर दिया है। पहले के मुकाबले अब टेस्ट करीब आधी दरों पर होगा। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग ने नई दरों को लेकर आदेश भी जारी कर दिया है।
निजी लैब में पहले जहां 1500 रुपये में आरटीपीसीआर टेस्ट होते थे वह अब केवल 800 में होंगे। अगर घर से सैंपल देना चाहते हैं तो तीन सौ अतिरिक्त देना होगा। यानी घर से सैंपलिंग कराने पर टेस्ट का खर्च 1100 रुपये होगा। इससे पहले कई अन्य राज्यों ने भी कोरोना टेस्ट का रेट कम किया है। इसमें सबसे कम यूपी में रेट हो चुका है। यहां केवल 700 में जांच हो होगी। घर से जांच कराने पर 900 रुपये देने होंगे।
इसके अलावा वैक्सीन को लेकर भी बिहार में तैयारी शुरू हो गई है। मंगलवार को स्थानीय होटल में विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव को लेकर अगले कुछ महीनों में वैक्सीन के आने की उम्मीद है। इसके समुचित तरीके से वितरण, ट्रांसपोर्टेशन व टीकाकरण को लेकर प्रखंड स्तर तक टीमों का गठन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए जिला स्तर तक टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही वैक्सीन के भंडारण व कोल्ड चेन मेनटेन करने को लेकर भी तैयारी की जा रही है, ताकि बिहार के करोड़ों लोगों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराया जा सके।
मंत्री ने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर बिहार दुनिया में मॉडल बन चुका है। बिहार में कोरोना को बहुत हद तक नियंत्रित किया गया। बिहार में रिकवरी रेट दुनिया में सबसे आगे है जो करीब 97.13 फीसदी है। देश के बड़े राज्यों की तुलना में 0.5 फीसदी मृत्यु दर है। आबादी की दृष्टि से बिहार दूसरा बड़ा राज्य, जबकि जांच को लेकर यूपी के बाद दूसरे नंबर पर है। राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीज जितने हैं, उतने संक्रमित बड़े राज्यों में रोज मिल रहे हैं। कहा कि तैयारी इस तरह की जा रही है कि टीका आने के बाद टीकाकरण में परे’शानी नहीं हो।
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