पटना में मेट्रो निर्माण कार्य में तेजी आई है। शनिवार को मेट्रो रेल निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुनीश चावला ने मेट्रो निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने मोइन-उल-हक स्टेडियम के अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन और टनल बोरिंग मशीन के कार्य प्रगति को देखा।
बता दें कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होने वाले चार में से पहले टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) “महावीर” को मोइन-उल-हक स्टेशन स्थित टनल शाफ्ट में उतारा गया है। यहां से टनल में अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन के लिए खुदाई शुरू होनी है। इसी संबंध में डीएमआरसी के परियोजना निदेशक अजय कुमार ने चावला को पटना मेट्रो निर्माण कार्य के प्रगति की जानकारी दी। चावला ने कार्य प्रगति की समीक्षा के अलावा मेट्रो निर्माण कार्य में आगे की कार्रवाई की जानकारी ली। साथ ही मेट्रो निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।
टीबीएम का इस्तेमाल पटना मेट्रो के लिए सुरंग बनाने का पहला कदम है। टीबीएम से मलबा हटाने आदि का भी काम किया जाएगा। टीबीएम की तुलना एक अफ्रीकी हाथी के वजन से की जाती है। एक हाथी का वजन लगभग 7 मीट्रिक टन होता है, तो इस टीबीएम का वजन 60 हाथी के वजन के बराबर की जा सकता है।
पटना, पूर्वी भारत में गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है जिसमें जलोढ़ मिट्टी है। भूजल स्तर भी काफी ऊंचा है। मिट्टी के स्तर के अनुसार, सीआरसीएचआई (चीन रेलवे निर्माण भारी उद्योग निगम लिमिटेड) द्वारा पटना मेट्रो के लिए नरम मिट्टी और जमीन के दबाव संतुलन को देखते हुए ही टीबीएम का डिजाइन और निर्माण किया गया है।
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