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पुलवामा में घा’यल हुए मजदूरों की कहानी, परिजनों की जुबानी:परिजन बोले- गांव में रोजगार नहीं मिला, इसलिए गए पुलवामा; सोचा नहीं था ऐसा होगा

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फायरिंग की घटना में बिहार के दो मजदूरों को गोली लगी है जिनकी हालत गंभीर है। 7 माह पहले पश्चिम चंपारण ज़िला अंतर्गत रामनगर थाना क्षेत्र के मंगुरहा देवराज से क़रीब 7 युवा मजदूरी करने पुलवामा गए थे। ये सभी शनिवार देर शाम काम कर वापस लौट रहे थे। तभी आतंकियों के गोली का निशाना बन गए।

जानकारी के मुताबिक रामनगर थाना क्षेत्र के मंगुरहा निवासी शेख शमशाद औऱ फैजान कादरी मजदुरी कर वापस डेरा लौट रहे थे, तभी आतंकी हमला हुआ जिसमें शमशाद औऱ फैजान को गोली लग गई जिन्हें गंभीर हालत में इलाज़ के लिए कश्मीर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, फैजान की स्थिति फ़िलहाल ख़तरे से बाहर बताई जा रही है। लेकिन शमशाद की हालत गंभीर है।

रामनगर प्रखंड के मांगुराहा देवराज निवासी फैजान की मां मेहरून नेशा देखते ही फफक पड़ीं। मां ने बताया कि बेटा इंटर पास है। 6 बच्चों में सबसे बड़ा फैजान है, जिसकी उम्र 19 साल है। पिता की मौत के बाद परिवार चलाना मुश्किल हो गया था। यहां पर मजदूरी में 250 रुपया मिलता है। लेकिन गांव के बच्चे जा रहे थे। उन्होंने बताया 500 रुपया मिलेगा। उन्हीं लोगों के साथ बेटा कमाने के लिए चला गया। सोंचा भी न था कि ऐसी घटना हो जाएगी।

शमशाद की फाइल फोटो।

शमशाद की फाइल फोटो।

. फैयाज की फाइल फोटो।

. फैयाज की फाइल फोटो।

इसी गांव के रहने वाले 7 माह पहले 7 बच्चे कमाने के लिए गए हैं। सभी के परिजन चिंता में हैं। दूसरा घायल शमशाद जो जिंदगी और मौत के बीच में जंग लड़ रहा है। शमशाद के चाचा शेख मज़हर ने बताया कि दो भतीजा और दो बेटा के साथ कई बच्चे गांव के कमाने गए हैं। भतीजे को गोली लग गई है। उन्होंने बताया कि रोजगार नहीं मिलने के चलते मजदूरी करने गांव के अन्य लोगों के साथ पुलवामा जाने की बात कही है क्योंकि कश्मीर में मजदूरी यहां के मुकाबले ज़्यादा मिलती है।

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