कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु के अनीचल डिस्ट्रिक्ट के बालाजी कंपनी के मालिक ने सात बिहारी मजदूरों को कमरे में बंद कर दिया था ।भूखे और प्यासे मजदूरों में से एक जमुई का रहने वाला मजदूर मुर्मू जहां अपना प्राण गंवा बैठा था वही बाकी 6 मजदूरों को गंभीर हा’लत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था ।अब एक बार फिर तेलंगाना के वारंगल जिले के ग्रामीण इ’लाके में एक कुएं से 9 लोगों के श’व मिलने के बाद ह’ड़कंप मच गया है ।बताया गया है की यह सभी बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे।
तेलंगाना में घ’टी दिल दह’ला देने वाली घट’ना
तेलंगाना के वारंगल जिले के गिसुगोंडा मंडल के गोरे कुंता औद्योगिक क्षेत्र में घटी इस घ’टना ने हड़’कंप म’चा दिया है। इस क्षेत्र में एक कुएं से 9 लोगों के श’व’ मिले हैं। इनमें एक बच्चा और 2 महिलाएं हैं पुलिस ने चार श’व को गुरुवार को और बाकी पांच शव शुक्रवार को निकाले। श’वों के ऊपर किसी तरह के चोट के नि’शान नहीं है ।अतः यह पता नहीं लग पा रहा की ह’त्या हुई है या आत्मह’त्या। पुलिस जांच में जुटी है। कई लोगों को हि’रासत में भी लिया गया है। घ’टनास्थल का निरीक्षण करने वाले वारंगल के कमिश्नर बी रविंद्र का कहना है कि पश्चिम बंगाल का निवासी मोहम्मद मकसूद 20 साल पहले वारंगल आया था और वह करीमाबाद में परिवार के साथ रहता था। कोरोना सं’कट की वजह से लगे लॉक डाउन में पिछले कुछ दिनों से वह कुएं के पास स्थित गोदाम में रह रहा था। वहीं पास में बिहार के मजदूर श्री राम और श्याम भी रह रहा था। इसी बीच कंपनी का मालिक संतोष भी वहां आया था तो उसे कोई नजर नहीं आया ।जब उसने खोजबीन शुरू की तो गोदाम के पास कुएं में सब दिखे जिसकी सूचना उसने पुलिस को दी।
पश्चिम बंगाल और बिहार के हैं मजदूर
पुलिस के शुरुआती जांच में पता चला है की म’रने वाले 9 लोगों में से एक ही परिवार के थे। पुलिस के अनुसार पश्चिम बंगाल निवासी मोहम्मद मकसूद आज से 20 साल पहले कमाने के लिए वारंगल चलाया था। मकसूद के ही परिवार के श’व मिले हैं । 9 शवों में से बंगाल निवासी मोहम्मद मकसूद उसकी पत्नी निशा बेटी बुशरा, बुशरा के 3 साल का बच्चा शादाब, पश्चिम बंगाल का ही सोहैल और बिहार निवासी श्याम और श्रीराम तथा वारंगल का ही शकील शामिल है।
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