‘आज घर का खाना खाने का मन नहीं है, तो चलो बाहर से ऑर्डर कर देते हैं. फोन में फटाक से स्विगी, जोमेटो, डोमिनोज खोला और 20 मिनट में डिलिवरी के साथ पिज्जा, बर्गर, नूडल्स कुछ भी जंक फूड ऑर्डर कर दिया’… आज की भागदौड़ भरी लाइफ में ऑनलाइन जंक फूड ऑर्डर करना कॉमन हो गया है. लड़के हों या लड़कियां, सभी से जंक फूड बस एक फोन क्लिक की दूरी पर है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जंक फूड खाने की आदत खासतौर पर लड़कियों के भविष्य को खराब कर रही है. एम्स दिल्ली की फर्टिलिटी ओपीडी में ऐसी ही 600 लड़कियां इलाज के लिए पहुंची हैं, जो अक्सर फास्ट फूड्स खाती हैं और अब गंभीर हेल्थ इश्यूज से जूझ रही हैं.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ गायनेकॉलोजी एंड ओब्टेट्रिक्स में इलाज के लिए आई इन लड़कियों की एक ही परेशानी थी कि बच्चे नहीं हो रहे. इनमें ज्यादातर 28 से 35 साल की लड़कियां थीं. डॉक्टरों के मुताबिक जब इन महिलाओं की हिस्ट्री देखी गई तो इनके भोजन में जंक फूड का सेवन ज्यादा मिला था. जिसकी वजह से इन्हें ओबेसिटी और पीसीओएस की परेशानी हुई और फिर कंसीव करने में दिक्कतें आ रही थीं.
एम्स के इनफर्टिलिटी डॉक्टर और गायनेकॉलोजिस्ट डॉ. जेबी शर्मा बताते हैं, ‘भारतीय लड़कियों में पॉलिसिस्टक ओवरी सिंड्रोम इतना कॉमन हो गया है कि देश की करीब 30 फीसदी नए उम्र की लड़कियां इससे पीड़ित हैं और इस वजह से उन्हें कंसीव करने में परेशानियां हो रही हैं. मेरे पास ही ऐसी 600-700 लड़कियां इलाज के लिए आईं जो अच्छे परिवारों से हैं, खान-पान की कोई कमी नहीं है लेकिन इन्होंने जंक फूड बहुत ज्यादा खाया था. सहज उपलब्ध फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, मैदा से बनीं ऐसी चीजें जो काफी दिनों तक प्रिजर्व हो जाती हैं, इन लड़कियों ने फ्रीक्वेंटली खाईं.’
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