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फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर योगदान करने पर जिला सम्मानित

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर योगदान करने पर जिला सम्मानित

– वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डीसीएम, केयर डीपीओ को मोमेंटो देकर किया गया सम्मानित
– नाइट ब्लड सर्वे के दौरान जिले के 16,800 लोगों की हुई थी जाँच

मोतिहारी, 24 मई। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उल्लेखनीय योगदान के लिए पूर्वी चंपारण जिले को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया है। पटना में आयोजित कार्यक्रम में जिला आशा समन्वयक नन्दन झा, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सत्यनारायण उराँव, और केयर डीपीओ मुकेश कुमार को स्वास्थ्य सचिव सह कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति संजय कुमार सिंह, फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ परमेश्वर प्रसाद सहित स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में नाइट ब्लड सर्वे, एमडीए के दौरान लक्ष्य अनुरूप लोगों को सर्वजन दवा सेवन एवं फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण, कार्यो में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बेहतर कार्य करने पर प्रोत्साहन हेतु जिले को पुरस्कृत किया गया है।

दो भाग में संचालित होते हैं राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम –

  1. मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) : इसमें फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार सभी लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जाती है। इस दौरान सिर्फ दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खिलाई जाती है।
  2. मोर्बीडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) : इसमें फाइलेरिया के रोगियों को एमएमडीपी क्लिनिक और एमएमडीपी किट के माध्यम से पर्सनल हाइजीन, स्किन एंड वुंड केयर, एक्सरसाइज एलिवेशन और सूटेबल शूज पहनने के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है ताकि फाइलेरिया के रोगियों को काफी हद तक अपनी परेशानियों से छुटकारा मिल सके।

नाइट ब्लड सर्वे के दौरान जिले के 16,800 लोगों की हुई थी जाँच–

डॉ शर्मा ने बताया कि जिले के चयनित प्रखंडों में रात 12 बजे के बाद लोगों के रक्त के नमूनों द्वारा फाइलेरिया मरीजों की खोज की गई थी। जिसमें नाइट ब्लड सर्वे में जिले के 56 सेशन साइटों पर 16,800 लोगों की जाँच हुईं औऱ 237 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए। वहीँ उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए आशा, जीविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से अल्बेंडाजोल और डीईसी की टेबलेट्स खिलाई गई। साथ हीं जिले के फाइलेरिया के रोगियों को साफ- सफाई, नियमित देखभाल और एक्सरसाइज के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है । उनके मुताबिक स्वास्थ्य विभाग जिले में फाइलेरिया मरीजों के लिए एमएमडीपी क्लिनिक खोले जाने हेतु विचार कर रही है।

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