रमजान को देखते हुए बिहार सरकार ने अपने मुस्लिम कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। बिहार सरकार के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए एक नया आदेश जारी किया गया है। रमजान के महीने में उनके लिए सरकारी दफ्तर का समय बदल दिया गया है।
इसके बाद अब इस फैसले पर भाजपा की तरफ से सवाल उठाया गया है। कहा गया है कि जब रमजान को लेकर छूट मिल सकती है तो रामनवमी को लेकर क्यों नहीं?

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आज कहा है कि जब रमजान पर छुट्टी मिल सकती है, तो रामनवमी के अवसर पर भी छुट्टी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में रामनवमी का त्यौहार होने वाला है। हिंदुओं को तो सुबह से शाम तक पूजा की तैयारी में बैठना पड़ता है। हर हिंदू के घर में रामनवमी होती है, तो फिर हिंदुओं को भी तो छुट्टी मिलनी चाहिए। इस तरह से किसी विशेष वर्ग के लिए अलग से छूट देना उचित नहीं है।
‘बिहार में पीएफआई के जुड़े लोगों की सरकार’
जायसवाल ने कहा कि इतने दिनों में हमने पहली बार एक नया तरीका देखा है जिसमें रमजान के अवसर पर मुस्लिम कर्मियों को एक घंटा पहले आने और जाने की छूट दी गई है। अब यह साफ हो गया है कि बिहार की सरकार पीएफआई से जुड़े हुए लोगों की है। पूरे हिंदुस्तान में और बिहार में ऐसा कभी नहीं होता था। अलग से नियम करना यह संकेत देता है कि सरकार में जो अफसर बैठे हैं वह पीएफआई के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
कहा कि किसी भी सरकार के लिए एक कर्मचारी होता है। चाहे वह हिंदू, मुसलमान, ईसाई हो। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव केवल पीएफआई का एजेंडा चला रहे हैं।

रमजान को लेकर जारी लेटर।
बता दें कि बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने शुक्रवार को एक पत्र जारी किया है। इसमें यह निर्णय लिया गय कि रमजान के मौके पर मुस्लिम धर्म के सरकारी सेवकों के लिए कार्यालय समय बदला जाएगा। उन्हें नियत समय से एक घंटा पहले आने और एक घंटा पहले जाने की छूट होगी।
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