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जालसाजी का मामला:’वन नेशन वन राशन कार्ड’ के पीवीसी का टेंडर देने के नाम पर करोड़ों की ठगी

वन नेशन वन राशन कार्ड’ के नाम पर एक बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है। बिहार-झारखंड के सभी जिलों में राशन कार्ड को पीवीसी कार्ड में बदलने का टेंडर देने के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई है। इसमें आईटी की शीर्ष कंपनी टेक महिंद्रा का फर्जी एग्रीमेंट पेपर दिखाकर जालसाजों ने बकायदा बिहार व झारखंड में ऑफिस खोलकर बड़े कारोबारियों व ठेकेदारों को चूना लगाया है। कन्हैया इंटरप्राइजेज के ऑनर अभिषेक से 59 लाख से ज्यादा की राशि जालसाजों ने ले ली है।

एसपी बोकारो को दिए आवेदन में पालीगंज पटना के खीरी मोड़ थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर निवासी अभिषेक ने बताया है कि फरवरी 2021 में ईयरपाथ इंफ्राटेक लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी के संचालक बोकारो के नेहरु को-ऑपरेटिव कॉलोनी वी-17, सेक्टर 12 के रहने वाले प्रियरंजन अवस्थी व सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर थाने के रेगनिया निवासी अमरदीप सिंह के संपर्क में आए। दोनों से मिलाने वाले रोहतास के नासरीगंज थाने के तरांव के अनुकूल व जहानाबाद के रतनी फरीदपुर थाने के सरैया निवासी अर्जुन थे।

ईयरपाथ इंफ्राटेक का खुद को डायरेक्टर बताने वाले प्रियरंजन व अमरदीप ने इन्हें टेक महिंद्रा के नाम पर ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत राशन कार्ड को पीवीसी कार्ड में बदलने का जिम्मा देते हुए फर्जी एग्रीमेंट कर लिया। दोनों ने टेक महिंद्रा के बिहार व झारखंड के सभी जिलों के लिए टेंडर लेने की बात बताई। अभिषेक ने चार जिलों के लिए हजार रुपए के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट किया और 10 लाख दे दिए। गया, जहानाबाद, अरवल व औरंगाबाद के लिए पीवीसी के कार्ड बनाने की बात तय हुई थी।

पीड़ित अभिषेक।

पीड़ित अभिषेक।

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की जांच में खुला मामला

ठगे जाने का अहसास होने के बाद अभिषेक ने जाने-माने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार से सम्पर्क किया, तब जांच में पाया गया कि शातिरों ने फर्जी तरीके से टेक महिंद्रा के नाम पर अभिषेक से 60 लाख के अलावा कई राज्यों के युवाओं से भी ठगी की है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक की रिपोर्ट पर मामले की गंभीरता से देखते हुए पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

43 लाख 13 हजार पांच सौ रुपए अभिषेक ने ईयरपाथ इंफ्राटेक को दिए

एक माह में काम शुरू करने की बात अभिषेक को बताई गई। कुल 43 लाख 13 हजार पांच सौ रुपए अभिषेक ने ईयरपाथ इंफ्राटेक को दे दिए। इसके अलावा 16 लाख रुपए कैश भी दिए। ये रुपए फरवरी 2021 से जुलाई 2021 के बीच दिए गए। इसके बाद प्रियरंजन व अमरदीप पैसे लेने के बाद काम के नाम पर टालमटोल करने लगे। दोनों ने पटना कुर्जी स्थित ओपी कॉम्प्लेक्स के फर्स्ट फ्लोर पर रूम नंबर 102 में ऑफिस भी खोल रखा था। पर पैसे लेने के बाद उस ऑफिस को भी बंद कर फरार हो गए।

बोकारो के ऑफिस में छापेमारी कुछ हाथ नहीं लगा

ईयरपाथ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड कंपनी खोलने वाले शातिरों ने अभिषेक की तरह अन्य कई लोगों से भी ठगी की है। इस तरह से पीवीसी के राशन कार्ड के नाम पर करोड़ों की ठगी कर के सभी शातिर फिलहाल फरार है। इनका बड़ा रैकेट बताया जाता है। अभिषेक ने बताया कि प्रियरंजन अवस्थी व अमरदीप सिंह के घर पर भी वे कई बार गए, पर वहां वे नहीं मिले। दोनों फरार हैं।

थक हारकर बोकारो एसपी से संपर्क किए। झारखंड पुलिस को मामले को संज्ञान में दिए जाने के बाद एसपी ने अपने स्तर से बोकारो के इंडस्ट्रियल एरिया बालीडीह, फेज-2 में बताए गए ऑफिस में छापेमारी भी कराई, पर वहां कोई सुराग नहीं मिला। प्रियरंजन अवस्थी और अमरदीप दोनों खुद को ईयरपाथ इंफ्रास्ट्रक्चर का डायरेक्टर बताते थे और बोकारो और पटना में बकायदा ऑफिस खोल रखा था।

टेक महिंद्रा ने ट्विट कर ऐसी जालसाजी से किया था आगाह

शीर्ष आईटी कंपनी टेक महिंद्रा ने ट्विट कर इस तरह की जालसाजी से लोगों को आगाह भी किया था। स्मार्ट कार्ड या ई-राशन कार्ड के नाम पर किसी भी प्रोजेक्ट को अपने बीहाफ में चलाए जाने से से इंकार करते हुए ट्विट किया था कि कंपनी का ऐसे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या एजेंसी से कांट्रेक्ट नहीं है।

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