Breaking News

खगड़िया की दिव्यागं बेटी बनना चाहती हैं शिक्षक, करंट लगने से गवाएं दोनों हाथ, अब पैर से लिखकर भर रही उड़ान

खगड़िया: हौसला हमारी शक्ति को हमेशा बढ़ाता है और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है।इन बातों को जिले के अलौली नगर पंचायत की एक 15 वर्षीय 9वीं की छात्रा साबित करने में जुटी है। शिक्षका बनकर समाज में शिक्षा का दीप जलाना चाहती है। जो हाथों से दिव्यांग हो गई है,पैर से जीवन की लकीर खींच रही है।

बीते 5 वर्ष पूर्व हाईटेंशन की चपेट में आने से दोनों हाथ गवां चुकी है। मामला अलौली नगर पंचायत के वार्ड 6 निवासी भुपेंद्र यादव की 15 वर्षीय पुत्री कृष्णा कुमारी की है। दिव्यांग कृष्णा ने बताया कि वर्ष 2016 में खेलने के दौरान 11 हजार वोल्ट के तार के संपर्क में आ गई थी, जिसके बाद चिकित्सक ने दोनों हाथ काटने को कहा था। उसके बाद भी कृष्णा ने हार नहीं मानी और पढ़ाई के साथ खेलकूद भी जारी रखा। अब, वो दाहिने पैर से किस्मत की लकीर लिख रही है। वो,शिक्षिका बनकर गांव और राज्य का नाम रोशन करना चाहती है।

दिव्यांग सहायता तो मिलता है कृतिम हाथ की है जरूरत

कृष्णा को सरकार द्वारा महावीर विकलांग मिशन के तहत 400 सौ रुपये प्रतिमाह मिलता है। लेकिन, वो भी महीना-महीना नहीं। जिसके कारण पढ़ाई में काफी परेशानी होती है। वो जिला-प्रशासन से कृतिम हाथ लगाने की मांग की है।

समाज की ताना की वजह से माता-पिता ने कराया शादी

बोली, हादसा के बाद आस-पास और समाज के लोग ताना मारता था, अब भविष्य खराब हो गया, पढ़ नहीं सकती और दूसरे बच्चों की तरह खेलकूद नहीं सकती है। उन्होंने हौसला को बुलंद किया, फिर से मम्मी ने एसएस हाईस्कूल अलौली स्कूल में 9वीं कक्षा में नामांकन कराया। पढ़ाई जारी है।

बड़ा परिवार होने से आर्थिक रूप से होती थी परेशान

छात्रा कृष्णा के माता- पिता को किसान मजदूर हैं, गॉव में ही मजदूरी करते हैं। वो,6 बहन है, जबकि 2 भाई है। 10 सदस्य का परिवार है। इसलिए पिता अलौली के रामपुर परास गॉव के कृष्णनंदन से 3 जुलाई 22 को शादी करवा दी। पति भी मजदूरी करता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.