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सहरसा में जर्जर भवन में रहने को मजबूर पुलिस जवान:कभी भी हो सकता हादसा, विभाग बना लापरवाह

बिहार के सहरसा में जर्जर पुलिस बैरक भवन में सैकड़ों पुलिस जवान रहने को मजबूर है।कभी भी इस जर्जर भवन में पुलिस के जवान हादसा का शिकार हो सकता है।जबकि साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा के इस जर्जर बैरेक संख्या पांच को परित्यक्त घोषित किया जा चुका है। पुलिस केंद्र में पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण परित्यक्त घोषित किये जर्जर बैरेक में आज भी सैकड़ों पुलिस कर्मियों को रखा गया है।

जानकारी हो कि साल 2021 में ही पुलिस केंद्र सहरसा में एक तीन सौ बेड के जनरल बैरेक व एक सौ बेड के महिला बैरेक के निर्माण कराये जाने को लेकर पुलिस केंद्र सहरसा द्वारा पुलिस मुख्यालय को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया था।पुलिस केंद्र से मिले रिपोर्ट को लेकर मुख्यालय द्वारा भी बैरेक निर्माण को लेकर मंजूरी दे दी गयी थी।लेकिन मुख्यालय से मिले मंजूरी के लगभग एक साल बाद भी बैरेक निर्माण की दिशा में कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है। जबकि इस जर्जर भवन से छत का चट्टा नीचे सोए हुए पुलिस जवान के शरीर पर बराबर गिरते रहता है।और पुलिस जवान चोटिल भी होता है।

वहीं जर्जर भवन में रह रहे पुलिस कर्मी सुरेंदर यादव ने बताया कि इस जर्जर भवन में रहते हुये जान पर बनी रहती है।कई बार सोए हुये पुलिस कर्मियों के शरीर पर छत का चट्टा गीर चुका है। जिसमें कई पुलिस कर्मी अब तक चोटील भी हो चुके है।इसके बावजूद पुलिस कर्मियों के रहने को लेकर मिले निर्देश के बाद भी कोई पहल अभी तक नहीं की जा रही है।

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