प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर से सचिवालय में मुलाकात करके उन्हें निजी विद्यालयों की समस्याओं से अवगत कराया। इस औपचारिक मुलाकात में सैयद शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री को बताया कि बिहार राज्य के शिक्षा विभाग के द्वारा ई संबंधन पोर्टल वेबसाइट बना कर सभी निजी विद्यालयों को पुनः संबद्धता के लिए विवश करते हुए 31 दिसम्बर 2021तक आवेदन देने के लिए विवश किया गया और इस वेबसाइट पर आवेदन देने के लिए किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण किसी भी जिला स्तर अथवा राज्य स्तर पर आयोजित नहीं किया गया। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के बैनर तले निजी स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित करवा कर निजी विद्यालय संचालकों को प्रशिक्षित करते हुए प्रशिक्षण करवा कर ऑनलाइन आवेदन दिलवाया गय
निजी लाभ के लिए आवेदन को खारिज कर रहे डीईओ
सैयद शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री को बताया की सूबे के लगभग सभी जिलों में बहुत सारे निजी विद्यालयों के ऑनलाइन आवेदन को जिला शिक्षा पदाधिकारियों के द्वारा रद्द कर दिया गया है और बोला जा रहा है कि विद्यालय के परिसर का फोटो साफ नहीं है अथवा प्रशिक्षित शिक्षकों की सूची सही नहीं है। अब ऐसे परिस्थिति में ई संबंधन पोर्टल पर ऐसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है कि निजी विद्यालय संचालक अपने ऑनलाइन आवेदन को एडिट कर सकें। निजी विद्यालय संचालक ई संबंधन पोर्टल पर नया ऑनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा नहीं है। जब स्कूल संचालक जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास जाते हैं तो उनसे बुरा बर्ताव करते हुए वहां से जाने को बोला जाता है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों के द्वारा आवेदन को खारिज करने का बहाना बनाकर निजी लाभ लेने के लिए निजी विद्यालय संचालको को मजबूर किया जा रहा है।
ये मांगें रखीं
1. ई संबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन को एडिट करने के लिए उचित प्रबंध करवाया जाए ताकि जिन निजी विद्यालय संचालकों के आवेदन को जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने निजी लाभ के लिए रद्द कर दिया है वे पुनः उसी आवेदन को दुबारा से सब्मिट कर पाएं। 2. पूर्व में निजी विद्यालयों को स्थायी संद्धता मिलती थी जिसे ई संबंधन पोर्टल की आड़ में शिक्षा विभाग ने बिना किसी भी आदेश के संशोधित करते हुए तीन वर्षो का अस्थायी संबंधन कर दिया है। इसलिए निजी विद्यालयों की संबद्धता को पहले की तरह स्थायी संद्धता करने का कष्ट करें। 3. जिन विद्यालयों को पहले से प्रस्वीकृति प्राप्त है और वे शिक्षा के अधिकार के तहत 25% विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं, उन्हें अविलम्ब स्थायी प्रस्वीकृति दे दी जाए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके। 4. अभी तक शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ने वाले बच्चों की राशि नहीं मिल पाई है। उसे जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का कष्ट करें।
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