बेगूसराय जिला शिक्षा कार्यालय से शुक्रवार को निगरानी टीम के द्वारा कार्रवाई के दौरान दस हजार रुपये घूस लेते हुए लिपिक किशोर मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक और छात्र संगठन के कार्यकर्ता जिला शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर होने की बात कह रहे हैं। इस कड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बेगूसराय के कार्यकर्ताओं ने शहर में काला पट्टी बांधकर काला दिवस मनाते हुए मार्च निकाला।
इस दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि निगरानी के द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय में की गई कार्यवाही से जिला शिक्षा कार्यालय बदनाम हो रहा है। ऐसे में जिला शिक्षा पदाधिकारी को चाहिए कि जिला शिक्षा कार्यालय को भ्रष्टाचार से मुक्त रखने की दिशा में कदम उठाया जाए। विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कहा की बेगूसराय जिला शिक्षा कार्यालय में कई ऐसे कर्मी है। जो वर्षों से जमे हुए हैं। उनका अविलंब ट्रांसफर किया जाए। तभी भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकता है।
शिक्षा विभाग के द्वारा जिले भर के स्कूलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच कराई जाती है और वेतन बंद कर भुगतान के नाम पर वसूली की जाती है।पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि लगातार जिले भर के स्कूलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच कर कार्रवाई की जाती है। पर इसका कोई भी सुधार शैक्षणिक कैंपस में नहीं दिख रहा है। जांच के नाम पर खानापूर्ति और पैसे उगाही का खेल करने का भी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है। इस दौरान विद्यार्थी परिषद के प्रदर्शन में कन्हैया कुमार, अंशु कुमार, आदित्य कुमार, जिला संयोजक सोनू सरकार सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।




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