मछली पालन ने कई की जिंदगी बदली है। इसी कड़ी में आज हम आपको मिला रहे हैं औरंगाबाद के प्रकाश कुमार सिंह (34) से। प्रकाश हेल्थ डिपार्टमेंट में रिक्टेटिव हेल्थ ऑफिसर के पद पर काम करते थे पर हमेशा अपना कारोबार करने की मंशा थी। वो एक डॉक्टर से मिले और यहां से उनकी जिंदगी बदल गई। प्रकाश आज मछली के बच्चों को तैयार कर सालाना 30 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। साथ ही 5 लोगों को जॉब भी दिया है।
नवीनगर प्रखंड के राजपुर निवासी प्रकाश बताते हैं कि चार साल पहले वो हेल्थ डिपार्टमेंट के काम से डॉ. ओम प्रकाश से मुलाकात हुई थी। मुजफ्फरपुर के मंशुरपुर के रहने वाले डॉ. ओम प्रकाश के यहां हैचरी के माध्यम से जीरा (मछली के बच्चे) का उत्पादन होता था। उनसे जानकारी ली और फिर मैंने भी 30 लाख रुपए की लागत से यह काम शुरू कर दिया। प्रकाश देशी बांगुर, रूप चंदा, रोहू, कतला, सिल्वर कार्प समेत अन्य प्रजाति के मछली के बच्चों का उत्पादन करते हैं।

हैचरी से जुड़कर प्रकाश ने न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बने, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दिया।
प्रकाश कुमार सिंह के अनुसार, उन्होंने पटना के एएन कॉलेज से रूलर मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। हेल्थ डिपार्टमेंट के जॉब में उन्हें 50 हजार रुपए मंथली मिलता था। पर अब उनका कारोबार 30 लाख रुपए सालाना तक कमाई कर रहे हैं। हैचरी से जुड़कर प्रकाश ने न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बने, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दिया।
फिलहाल प्रकाश के 10 से 12 छोटे बड़े तालाब हैं। जो करीब 10 बिगहा में हैं। उसके देखभाल के लिए उन्होंने 5 लोगों को रखा है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक डॉक्टर को भी रखा है, जो मछलियों में होने वाले रोग की जानकारी देते हैं और उनसे बचाव के उपाय बताते हैं। साथ ही कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में भी रहते हैं।


प्रकाश कुमार सिंह ने पटना के एएन कॉलेज से रूलर मैनेजमेंट की पढ़ाई की है।
जानिए कैसे होता है मछली के बच्चों (जीरा) का उत्पादन
जीरा उत्पादन के लिए सबसे पहले ब्रुडर (मछली) कलेक्शन किया जाता है। वैसे ब्रुडर का कलेक्शन किया जाता है, जो चार साल के हों। नर में मिल्ट और मादा में एग उपलब्ध हो। इसकी जांच कर ब्रुडर का कलेक्शन किया जाता है। इसके बाद ब्रुडर को चैम्बर में लाया जाता है। जहां हार्मोन इंजेक्ट किया जाता है। इसके 24 घंटे के अंदर अंडा निकलने लगता है। फिर अंडे को कलेक्ट किया जाता है और कलेक्शन चैंबर में लाया जाता है। फिर हैचिंग प्रोसेस में जाता है। 72 घंटे के अंदर एग फर्टिलाइज होने लगती है। फिर लार्वा निकलता है। इसे छोटे तालाब में डाला जाता है। फिर 8 दिन के अंदर उसे 10 कट्ठे के तालाब में डाला जाता है। इसके बाद 8 दिन बाद इसे एक एकड़ के तालाब में डालते हैं। इसके 30 से 60 दिन बाद बच्चे फिंगर साइज के हो जाते हैं।


मछली के बच्चे।
जानिए किस साइज के मछली के बच्चे का क्या है रेट
- स्पून साइज 100 ग्राम में एक लाख पीस जीरा आता है। इसकी कीमत एक हजार रुपए है।
- घानी साइज 100 ग्राम में 5 हजार जीरा आता है। इसकी कीमत 800 रुपए है।
- फ्राई साइज 1 किलो में एक हजार पीस जीरा आता है। इसकी कीमत 1200 रुपए है।
- फिंगर साइज 1 किलो में 100-150 पीस जीरा आता है। इसकी कीमत 600 रुपए है।
- 18 माह के साइज 1 किलो में 100 पीस जीरा आता है। इसकी कीमत 600 रुपए है।

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