लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की पार्टी राजद की ओर से 5 अगस्त को बिहार के सभी मनोनीत जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और सहायक जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक होगी। यह बैठक पटना स्थित पार्टी के राज्य कार्यालय में बुलायी गई है जिसमें उन्हें पार्टी संविधान के प्रावधानों के तहत चुनावी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। पार्टी के राष्ट्रीय सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने भास्कर को बताया कि राजद ऐसी पहली पार्टी है जिसने अपने सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया में महिलाओं को आधी भागीदारी देने का काम किया है और मनोनीत जिला निर्वाचन पदाधिकारियों में आधी संख्या महिलाओं की है।
बता दें कि पार्टी के अंदर स्थानीय स्तर पर कई तरह की गुटबाजियां होती हैं। इनसे निबटने के लिए महिलाओं पर यह जवाबदेही दी गई है। गगन कहते हैं कि महिलाओं में पॉलिटिकल अभिरुचि बढ़ाने के लिए राजद ऐसा कर रही है। गगन के बयान से अलग देखें तो पार्टी के महिला कार्यकर्ताओं में इसको लेकर खुशी भी है। लेकिन विधान सभा चुनाव में टिकट देने पर गौर करें तो राजद से ज्यादा नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाने में प्राथमिकता दी थी। लेकिन राजद ने भाजपा से अधिक महिलाओं को टिकट दिया था।
राजद ने विधानसभा चुनाव 2020 में रितु जायसवाल को टिकट दिया था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़।
इस आंकड़े से आप समझ सकते हैं कि राज्य की किस पार्टी ने कितनी महिलाओं को टिकट दिया और किस पार्टी में महिला उम्मीदवारों ने बेहतर परफॉर्म करती हुईं विधान सभा पहुंची। कुल 243 सीटों वाली बिहार विधान सभा में 26 महिला विधान सभा चुनाव जीत कर आईं। इन परिणामों में राजद नेत्री और सोशल एक्विस्ट रितु जायसवाल महज 1569 वोटों से हारी थीं। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि पोस्टल वोट की ठीक से गिनती हो जाती तो उनकी जीत पक्की थी। उन्हें जदयू में आरसीपी सिंह ने टिकट लायक नहीं समझा था, लेकिन राजद ने उम्मीदवार बनाया !
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