पूर्व मध्य रेल के सोनपुर मंडल में लांग हॉल व सुपर क्रैक मालगाड़ियां चलाई गईं। बताया जा रहा है कि माल ढुलाई में यह एक नया रिकॉर्ड है। जानकारी के अनुसार लांग हॉल व सुपर क्रैक मालगाड़ियां चलाने से समय और रास्ते की बचत होती है। साथ ही खंड, पाथ की सघनता कम होने से यातायात सुचारू रूप से चलता है। इसके अलावा, नेट टोन किलोमीटर भी बढ़ जाता है।
लांग हॉल
दिनांक . 31/05/2022 को नंदनी लगुनिया में दो लोड्स को मिलाकर सोनपुर मंडल में प्रथम लांग हॉल का गठन किया गया। यह 21:00 बजे उक्त स्टेशन से चला एवं कटिहार इंटरचेंज प्वांईट पर 02:50 बजे सुपूर्द किया गया। इस तरह इसके द्वारा कुल समय 05 घंटे 50 मिनट लिया गया।
विदित हो कि लांग हॉल चलाने से निम्नलिखित मदद मिलती हैः
* समय और रास्ते की बचत होती है।
* खंड, पाथ की सघनता कम होने से यातायात सुचारू रूप से चलता है।
* नेट टोन किलोमीटर बढ़ जाता है।
* वैगन होलडिंग कम हो जाती है।
* डब्लू टी आर , वैगन टर्न राउंड घट जाती है।
सुपर क्रैक : अप्रैल’ 22 में 40 सुपर क्रैक गाड़ी की तुलना में मई ’22 के दौरान कुल 152 सुपर क्रैक गाड़ी चलाई गई ।
सुपर क्रैक चलाने से निम्नलिखत मदद मिलती है।
* खंड , पाथ की सघनता कम होती है।
* क्रू की बचत और डीसीआर मामलो में कमी होती है।
* क्रू की उपलब्धता में बढ़ोत्तरी होती है।
* लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
* नेट टोन किलोमीटर बढ़ जाता है।
* वैगन होलडिंग कम हो जाती है।
* डब्लू टी आर ;वैगन टर्न राउंड घट जाती है।
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