स्मार्ट सिटी के तहत शहर के सिकंदरपुर महेश्वरी अपार्टमेंट के पास शनिवार की शाम सीवरेज लाइन बिछाने के दौरान 15 फीट गहरी खाई में उतरे मजदूर की मौत हो गई। मृतक रंजीत कुमार सीतामढ़ी जिले के डुमरा के गोपीनाथपुर का रहने वाला था। सड़क तोड़कर छोटी जेसीबी से चार फीट चौड़ा व 15 फीट गड्ढा किया गया। रंजीत गड्ढे में सीवरेज पाइप लगाने के लिए उतरा।
इसी दौरान पहले से लगी नगर निगम की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। रंजीत पानी बंद करने का प्रयास कर रहा था। खाई में पानी भरते जा रहा था। पानी भरने के दौरान ऊपर से मिट्टी धंस गई। इसमें रंजीत फंस गया। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया। शहर में चल रहे बेतरतीब निर्माण के कारण करंट लगने से 9 मई को एक रेल यात्री की स्टेशन रोड में मौत हो गई थी।
पांच दिन बाद अब मजदूर की मौत से शहर के लोग आक्रोशित हैं। डीएम ने शहर में पहले के गड्ढे भरने के बाद ही सड़क खोदने का आदेश दिया था। डीएम के आदेश के बावजूद सिकंदरपुर में सड़क खोदकर सीवरेज लाइन बिछाने का काम चल रहा है।
इसी दौरान यह घटना हुई। शहर में 278 करोड़ की लागत से सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम तोशीबा वॉटर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। 84 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछानी है, जबकि 30 किलोमीटर स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनाना है।
आदेश बेअसर… सड़क तोड़कर नए गड्ढे किए जा रहे थे
27 अप्रैल को डीएम प्रणव कुमार ने सिटी की योजनाओं की समीक्षा की थी। इस दौरान जिलाधिकारी ने खोदे गए गड्ढे भरने के बाद ही शहर में नया गड्ढा खोदने का आदेश दिया था। 6 मई को एमडी विवेक रंजन मैत्रेय ने नाला बनाने के लिए पहले से खोदे गए सड़क को भरने के बाद ही नया गड्ढा खोदने का अल्टीमेटम दिया था। सीवरेज पाइप लाइन बिछाने के लिए 40 किलोमीटर सड़क तोड़ी गई है।
इसमें 9 किलोमीटर सड़क अब भी दुरुस्त नहीं की गई है। सड़क दुरुस्त करने के बाद ही आगे सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का आदेश दिया था। डीएम व एमडी के आदेश के बावजूद शनिवार को सीवरेज बिछाने के लिए सड़क पर गड्ढे किए जा रहे थे। इसी दौरान हादसा हुआ। उधर, मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। इसके साथ ही मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
सीवरेज के लिए खोदे गए गड्ढे में मजदूर की मौत के बाद भी निर्माण एजेंसी ने नहीं चेता। दैनिक भास्कर की टीम ने मौत के 4 घंटे बाद शनिवार की रात 11 बजे से 11:15 तक स्टेशन से बैरिया तक स्मार्ट सिटी से बनाए जा रहे ड्रेनेज का जायजा लिया। लक्ष्मी चौक से बैरिया के बीच दो जगह काम चल रहा था। दोनों जगह सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही थी।
किसी भी मजदूर ने हेलमेट नहीं लगा रखा था। यह स्थिति स्मार्ट सिटी के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट नहीं करने की वजह से बनी हुई है। दस्ताना भी किसी मजदूर ने नहीं पहना था। इसी तरह बैरिया गोलंबर के पास सेंटरिंग के काम कर रहे मजदूर भी हेलमेट में नहीं दिखे।
आंखोंदेखी – सीवरेज लाइन बिछाने को नहीं था कोई सुरक्षा उपकरण
मृतक के साथी मजदूर सीतामढ़ी के रीगा निवासी जयराम कुमार
‘बजरंगी, रंजीत व मैं सीवरेज पाइप लाइन लगाने का काम कर रहे थे। सड़क तोड़कर चार फीट चौड़ा व 15 फीट गड्ढा किया गया। रंजीत गड्ढे में सीवरेज पाइप लगाने के लिए उतरा। मैं और बजरंगी ऊपर से पाइप दे रहे थे। रंजीत सीवरेज पाइप लगा रहा था। इसी दौरान नगर निगम की पाइप लाइन, जो पहले से लगी हुई थी, वह क्षतिग्रस्त हो गई।
पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद पानी का फव्वारा निकलने लगा। खाई में पानी भरने के दौरान ऊपर से मिट्टी धंस गई, जिसमें रंजीत फंस गया। जिस समय रंजीत 15 फीट खाई में उतरा था, उसके पास सुरक्षा का कोई उपकरण मौजूद नहीं था। रंजीत को किसी तरह से जेसीबी की मदद से बाहर खींचे। पेट दबा कर पानी निकालने का प्रयास किए। सदर अस्पताल में लेकर पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।’
(जैसा मृतक के साथी मजदूर सीतामढ़ी के रीगा निवासी जयराम कुमार ने बताया)
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