छपरा के रहने वाले सीआईएसएफ के जवान असगर अली का कश्मीर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत को प्राप्त हो गए। शहीद असगर का शव शुक्रवार के अहले सुबह उनके पैतृक गांव नगरा प्रखंड के खोदाईबाग मकसूद पहुचा। शव पहुचने के साथ चारों तरफ चीख़ पुकार मच गया। असगर का गुरुबार के अहले सुबह कश्मीर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में गोली लग गई थी। जिसे ईलाज के लिए ले जाया गया। ईलाज के दौरान मौत हो गई। शाहिद होने के 24 घण्टे पहले बेटा से वीडियो कॉल बात करते हुए 15मई को आने का बात किया था। लेकिन 13 मई को शहीद के रूप में तिरंगा में लिपटा आया।
बेटे के साथ वीडियो कॉल की लगाई थी स्टोरी
शहीद असगर उर्फ बबलू के शव पहुचते ही कोहराम मच गया। अशगर अपने पत्नी और बच्चो को दिल्ली में रखकर बढ़ते थे। मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले बेटा जीशान से वीडियो कॉल पर बात कर 15 मई को आने की बात कही थी। पिता के शव को तिरंगा में लिपटा देख जीशान सन्न से हो गया है। इस अशगर ने बेटे जीशान के संग वीडियो कॉल का स्टोरी लगाया था। असगर सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर एक्टिव था। उसके शाहिद होने बाद उसके रील बनाये वीडियो को लोग शेयर और पोस्ट कर श्रद्धांजलि देते हुए याद कर रहे है। शुक्रवार को शव पहुचने के बाद लोगो का जमावड़ा लग गया हैं।




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