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सावधान आंकड़े दिखाकर राहत दे रहा प्रशासन!

कोरोना के आंकड़ों से प्रशासन लोगों को राहत देने में जुटा है, लेकिन कम्युनिटी स्प्रेड में आंकड़ों पर नहीं जाएं। संक्रमण की रफ्तार कोरोना की दूसरी लहर से कहीं आगे है। इसके बाद भी प्रशासन का दावा तीसरी लहर में राहत का है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करें तो पटना में दूसरी लहर में एक दिन में सबसे अधिक एक्टिव मामले 32500 रहा है, जबकि तीसरी लहर में अब तक 14000 के पार नहीं पहुंचा है। ऐसे आंकड़े कागजी राहत दे सकते हैं, क्योंकि कम्युनिटी स्प्रेड में संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

4 आंकड़ों में राहत की बात

  1. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करें तो दूसरी लहर के दौरान 1 दिन में सर्वाधिक 32500 एक्टिव केस थे लेकिन तीसरी लहर में 1 दिन में सर्वाधिक एक्टिव केस मात्र 14000 ही रहे हैं।
  2. दूसरी लहर मे कोरोना टेस्टिंग के दौरान 1 दिन में सर्वाधिक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 5500 थी लेकिन तीसरी लहर में 2000 से 2200 तक पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
  3. दूसरी लहर में हॉस्पिटलाइजेशन की दर 7% से 8% थी जो तीसरी लहर में मात्र 1% के आसपास ही है।
  4. दूसरी लहर में लोगों को बेड एवं ऑक्सीजन की भारी जरूरत थी लेकिन तीसरी लहर में अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को छोड़कर डेडीकेटेड सेंटर के 345 बेड में मात्र 5 बेड ही भरे हैं।

संक्रमण की रफ्तार खतरनाक
पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में संक्रमण की रफ्तार घातक है। ऐसे में आंकड़ों से राहत की बात करना कभी भी विस्फोटक हो सकता है। संक्रमण जिस तरह से तेजी से बढ़ रहा है कभी भी हालात बदल सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अब मान चुका है कि संक्रमण के अधिकतर मामले ओमिक्रॉन के हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर हमेशा अलर्ट रहना होगा क्योंकि कभी भी वायरस खतरनाक हो सकता है। मौत अभी भी हो रही है और संक्रमण के दौरान जो भी बीमार इसकी चपेट में आते हैं तो उसकी जान को खतरा होता है। पटना DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण का दर ज्यादा है लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन, ऑक्सीजन, बेड की डिमांड सीमित है। प्रशासन इसे मौजूदा समय के लिए राहत की बात कर रहा है, लेकिन जिस तरह से आंकड़े बढ़ रहे हैं वह खतरनाक हो सकते हैं। संक्रमण की बढ़ते रफ्तार को लेकर लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। बस पैनिक नहीं होना है, लेकिन पूरी तरह से अलर्ट रहना है।

प्रशासन की तैयारियों से जानिए कोरोना का खतरा
प्रशासन की तैयारियां बता रही है कि राज्य में कोरोना का खतरा किस तरह से बढ़ रहा है। पटना में विशेष तैयारी चल रही है क्योंकि पटना में ही संक्रमण के मामले अधिक आते हैं और बाहर के लोग भी कोरोना के बेहतर इलाज के लिए पटना में ही आते हैं। शनिवार को पटना के कंगन घाट स्थित बिहार पर्यटन विकास निगम के भवन में 200 बेड की क्षमता का डेडिकेटेड कोविड हेल्थकेयर सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर की क्षमता 200 बेड की है किंतु अभी 80 बेड शुरू किया गया है। पटना शहरी क्षेत्र में 3 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर कार्यरत है जिसकी क्षमता 345 बेड की है जिसमें अभी मात्र 5 व्यक्ति ही भर्ती हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। पाटलिपुत्रा अशोक होटल में 112 बेड तथा पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 152 बेड का डेडीकेटेड कोविड सेंटर पूर्व से कार्यरत है। वर्तमान संक्रमण तथा बेड, ऑक्सीजन के सीमित डिमांड को देखते हुए अलर्ट है। हालांकि वर्तमान स्थिति में व्यवस्था पर्याप्त है। पटना में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पूरे हालात पर हर तरह से नजर बनाई गई है।

अलर्ट रहने की अपील
स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन भी संक्रमण की रफ्तार को लेकर पटना में लोगों से अलर्ट रहने की अपील कर रहा है। संक्रमण के वर्तमान हालात में सतर्क और सावधान रहकर ही कोरोना से लड़ाई लड़ी जा सकती है। लोगों से कोविड प्रोटोकोल का पालन करने की अपील की जा रही है।

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