झारखंड के लातेहार में नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के दस्ते के साथ मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए। नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ मंगलवार शाम में हुई। डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले हैं
राजेश कुमार के लाल दरवाजा स्थित घर पर मंगलवार की शाम सन्नाटा पसरा था। उनके पैतृक आवास पर उनके बड़े भाई, भाभी चाचा मौजूद थे। सभी टीवी से चिपके थे और पल-पल की जानकारी ले रहे थे। कुछ लोग फोन पर जानकारी ले रहे थे। महिलाएं गम में डूबी थीं। शहीद राजेश कुमार की भाभी की आंखें नम थीं। उन्होंने कहा कि आज दोपहर ही वे नक्सल ऑपरेशन के लिए गये थे। शाम को मुठभेड़ में शहीद हो गये। यह कहते-कहते वे फूट पड़ी। बड़े भाई राकेश कुमार राज ने बताया कि करीब एक घंटे पहले उनके शहीद होने की जानकारी मिली। गोली लगने के बाद उनको इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।
उन्होंने बताया कि राजेश झारखंड में एसाल्ट कमांडर के रूप में पदस्थापित थे, जो एसपी के रैंक के बराबर होता है। खतरनाक नक्सल ऑपरेशन मिशन में उन्हें लगाया जाता था। उन्होंने बताया कि बुधवार की शाम झारखंड सरकार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके शव को यहां भेजेगी। इसके बाद मुंगेर में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
शहीद राजेश कुमार अपने पीछे अपनी पत्नी और दो छोटे लड़के आयुष (9) और आरुष (3) को छोड़ गये हैं। राजेश कुमार की शादी 2011 में मुंगेर के ही बरियारपुर में हुई थी। उनका पूरा परिवार झारखंड में ही रहता है। चाचा गोपाल पासवान ने बताया कि उनके शहीद भतीजे राजेश कुमार वर्ष 2007 में यूपीएससी के सीपीओ से असिस्टेंट कमांडेंट में कंपीट करके इस नौकरी में आये थे।
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