बिहार में शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा है। शिक्षा विभाग ने 21 जून से 20 जुलाई तक निगरानी जांच से छूटे निगरानी जांच से छूटे 87665 शिक्षकों को वेबपोर्टल पर शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी आवश्यक सर्टिफिकेट अपलोड करने की मोहलत दी थी। 20 जुलाई तक विभिन्न जिलों से लगभग 80 हजार सर्टिफिकेट अपलोड हैं। हालांकि जानकारों के अनुसार इसमें 30 से 40 प्रतिशत शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी हो सकते हैं। अब सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही तय होगा कि कौन गलत तरीके से नौकरी कर रहा है। एक ही सर्टिफिकेट पर दो जिलों में शिक्षक बहाल हो गए हैं।
2013 से एक ही सर्टिफिकेट पर वेतन उठा रहे
2013 से एक ही सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षक वेतन उठा रहे हैं। शिक्षा विभाग को शिकायत मिल रही है कि जहानाबाद के शिक्षक के सर्टिफिकेट के आधार पर ही पूर्वी चंपारण में इसी नाम से पंचायत शिक्षक बन गए हैं। जहानाबाद मखदुमपुर प्रखंड के शिक्षक देवकुमार ने शिकायत की है कि वे जब पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने लगे तो बताया गया कि सर्टिफिकेट पहले से ही अपलोड है।
हाईकोर्ट के आदेश पर 2006 से 2015 के बीच बहाल सभी 3.57 लाख शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच की जिम्मेदारी निगरानी विभाग को दी गई है। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया था कि जो शिक्षक 20 जुलाई तक सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करेंगे, तो माना जाएगा कि उनकी बहाली गलत तरीके से हुई है।
शिक्षा मंत्री बोले- 22 जुलाई तक की जाएगी समीक्षा
प्रारंभिक स्कूलों के लिए प्रथम चरण के काउंसिलिंग में नियोजन इकाईवार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की सूची अधिकांश जिलों के एनआईसी पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। जांच के बाद सूची गड़बड़ी करने वाले दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। 20 जुलाई तक अपलोड करने की अंतिम तिथि थी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि 22 जुलाई को समीक्षा की जाएगी।
चयन सूची में अभ्यर्थियों का नाम, कोटि, मेधा अंक, विषय और क्षैतिज आरक्षण दर्शाना अनिवार्य था। कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 के लिए संबंधित नियोजन इकाई द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की काउंसिलिंग का प्रथम चरण 5 से 12 जुलाई तक पूरा हो चुका है। काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थी, मेधा सूची और आरक्षण रोस्टर को ध्यान में रख कर चयन सूची तैयार किया गया है। शिक्षा विभाग को काफी अभ्यर्थियों शिकायत मिल रही थी कि नियोजन इकाई द्वारा चयन सूची को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने जिलों को निर्देश दिया था कि नियेाजन की कार्रवाई की पारदर्शिता के लिए नियोजन इकाईवार चयनित अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक करें।
स्थानीय लोगों की मिलीभगत से अव्यवस्था फैलाई गई
इसके पहले 400 नियोजन इकाईयों की मेधासूची रद्द कर दी गई थी। शिकायतों और गड़बड़ी को सुधारते हुए नए सिरे से मेधासूची तैयार करने के लिए कहा गया है। अगस्त में इन इकाईयों की काउंसिलिंग होगी। शिक्षा विभाग के अनुसार कई नियोजन इकाईयों पर काउंसिलिंग इकाई के सदस्यों और स्थानीय लोगों की मिलीभगत से अव्यवस्था फैलाई गई।
मुजफ्फरपुर में दो प्रखंडों में नियोजन इकाई के सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। 90762 प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली के लिए प्रथम राउंड में 5 से 12 जुलाई तक 4808 विभिन्न नियोजन इकाइयों के लिए काउंसिलिंग हुई थी। 4412 पंचायत नियोजन इकाईयों में 20803 शिक्षकों की बहाली के लिए काउंसिलिंग के बाद 8594 पद रिक्त रह गए। पदों के रिक्त रहने कारण कोटिवार अभ्यर्थियों को नहीं मिलना बताया गया। कक्षा 1 से 5 तक के लिए 50 प्रतिशत पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं।
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