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नवरात्रि पर देवी मंदिरों में कोरोना को लेकर विशेष आयोजन नहीं, नियम का पालन कर भक्तों को मिलेगा प्रवेश

चैत नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू हो रही है। लेकिन कोरोना के दूसरे चरण में नवरात्र से पहले ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ बहुत कम हो गई है। जहां दिन भर मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए दिन भर भक्तों का हुजूम उमड़ता था अब वहां इक्के-दुक्के भक्त ही दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इससे मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में प्रसाद, फूल और पूजन सामग्री की बिक्री कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले लोगों  का जीवन यापन कर पाना मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि कोरोना को देखते हुए सरकार की ओर से पहले ही भीड़ एकत्रित नहीं करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में नवरात्र में ही भी भक्तों की संख्या अधिक नहीं होगी। इस कारण अन्य वर्षों की तुलना में अबतक कोई तैयारी नहीं की गई है।

 रमना स्थित देवी मंदिर परिसर में 25 वर्षों से प्रसाद और फूल माला की बिक्री कर रहे राहुल शर्मा और संजय बताते हैं कि अन्य वर्ष चैत नवरात्र में भी दिनभर भक्तों का तांता लगा रहता था। लेकिन पिछले साल से ही कोरोना संक्रमण ने रोजी रोटी प्रभावित कर दिया। अब स्थिति सामान्य होगी होने लगी थी तभी कोरोना वायरस के दूसरे चरण में दस्तक दे दी। यह काफी घातक है इस कारण श्रद्धालु काफी कम संख्या में घरों से निकल रहे हैं। इस कारण सीमित मात्रा में प्रसाद भी बनाए जा रहे हैं। चुनरी व अन्य पूजन सामग्री भी सीमित मात्रा में उपलब्ध है। बगलामुखी सिद्धिपीठ परिसर में 20 से अधिक वर्षो से प्रसाद व फूल माला की बिक्री कर रहे मनोज सिन्हा ने भी कहा कि अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष तैयारी नहीं है। कोरोना संक्रमण के बढऩे के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या कम गई है। ऐसे में नवरात्र के दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी इसकी कम ही उम्मीद है। नवरात्र में नारियल व अन्य पूजन सामग्री की करीब तीन से पांच हजार की बिक्री हो जाती थी। लेकिन इस वर्ष हजारों रुपये का नुकसान कोरोना के कारण उठाना पड़ेगा। 

मंदिर की हो रही साफ-सफाई, बनेगा पंडाल

रमना स्थित देवी मंदिर के पुजारी आचार्य अमित तिवारी ने बताया कि नवरात्र को देखते हुए मंदिर के बाहर प्रांगण में पंडाल बनवाया जाएगा, क्योंकि उस समय धूप अत्यधिक तेज होगी और आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए पंडाल जरूरी है। कहा कि मंदिर में प्रवेश से पूर्व सैनिटाइजर मशीन लगाया गया है। सभी श्रद्धालु उससे सैनिटाइज होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार से पूर्व सर्वाधिक दूरी बनाए रखने के लिए घेरा भी बनाया गया है। श्रद्धालुओं से मास्क लगाकर शिव मंदिर में प्रवेश करने की अपील की जा रही है। इसकी सूचना मंदिर के मुख्य द्वार पर भी चस्पा किया गया है। बताया कि इस बार महाश्रृंगार, महाआरती और मां दुर्गा के पूजन के दौरान भी अत्यधिक भीड़ ना हो इसके लिए कार्यकर्ता सक्रिय रहेंगे, लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की जाएगी। 

मां बगलामुखी सिद्ध पीठ के महंत पंडित अजीत कुमार ने बताया कि नवरात्र के दौरान मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ से निपटने के लिए मास्क लगा और खुद की सुरक्षा करते हुए कार्यकर्ता तैनात रहेंगे। कहा कि लोगों से भी मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की जाएगी। कहा की मां बगलामुखी को हल्दी और दही चढ़ाने की परंपरा रही है। श्रद्धालुओं दही-हल्दी चढ़ा सकेंगे। 

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